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यात्रा रजिस्ट्रेशन के साथ स्वप्रमाणित पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग

देहरादून। आगामी चारधाम यात्रा में यात्रा रजिस्ट्रेशन के साथ स्वप्रमाणित पत्र देने की अनिर्वायता से श्री केदारनाथ होटल ऑनर्स एसोसिएशन में आक्रोश बना हुआ है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा से मुलाकात की और इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
प्रभारी मंत्री के ऊखीमठ आगमन पर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी एवं सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि पहले ही पंजीकरण व्यवस्था होने से श्रद्धालुओं में आक्रोश बना है। अब सरकार की नयी व्यवस्था से तीर्थ पुरोहितों के साथ ही व्यापारियों में भी आक्रोश बना हुआ है। यात्रा के दौरान वाहन में सवार यात्रियों के रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का ब्योरा अनिवार्य रुप से देने जैसी व्यवस्था से श्रद्धालुओं को बहुत सारी परेशानियों का सामाना करना पड़ेगा। कहा कि यह व्यवस्था तीर्थयात्रियों के लिए सही नहीं है। चारधाम यात्रा में देश के सभी प्रांतों से तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पंहुचते हैं। यात्रा के दौरान 30 प्रतिशत तीर्थयात्री ही ऑनलाइन होटल बुक कर यात्रा करते हैं। वहीं 70 प्रतिशत तीर्थयात्री मौके पर ही अपने सीमित बजट के हिसाब से यात्रा करते हैं। चारधाम यात्रा में स्थित अधिकतर होटल, लॉज एवं होम स्टे व्यवसायियों का व्यवसाय इन्हीं तीर्थयात्रियों पर निर्भर होता है। उन्होंने प्रभारी मंत्री से अनुरोध किया कि व्यापारियों के हितों को देखते हुए तीर्थ यात्रियों की सुविधा को लेकर यात्रा रजिस्ट्रेशन के साथ स्वप्रमाणित पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर सभी व्यवसायियों को राहत दी जाए। इस मौके पर होटल एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी, सचिव नितिन जमलोकी, अशोक सेमवाल, अंकित राणा मौजूद थे।

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