देहरादून : उत्तराखंड में तेज हवाएं और अंधड़ पांच जिलों को अपनी चपेट में ले सकता है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि 24 घंटे के भीतर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में तेज अंधड़ और झक्कड़ आ सकता है। जिसकी अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे भी हो सकती है। विभाग ने संभावित नुकसान की आशंका जताते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी है। वहीं दून में भी धूल का गुबार नजर आया।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार यह धूल का गुबार हवा के कम दबाव के कारण उठा। वहीं तापमान अधिक होने और उमस के बाद आंधी की आशंका बन रही है। जिससे पहले धूल का गुबार बन रहा है।
बताया कि उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में झुलसाने वाली गर्मी से लोग बेहाल रहे। ऊधमसिंह नगर, रुड़की, हरिद्वार, कोटद्वार और देहरादून में सुबह से ही चटख धूप खिलने से दिन का तापमान काफी अधिक रहा।
उत्तराखंड के चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा हेमकुंड साहिब की यात्रा सुचारू है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं हल्के बादल तो कहीं धूप खिली है।
देहरादून पर चढ़ी धूल की परत
बुधवार को देहरादून समेत आसपास के इलाकों में शाम होते ही वातावरण पर धूल की परत चढ़ गई। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार हवा के कम दबाव और तापमान अधिक होने के कारण धूल के कण ऊपर उठ गए हैं, जिसके कारण यह स्थिति बन गई है।
वहीं तापमान अधिक होने और उमस के कारण अगले 24 से 36 घंटे में आंधी की चेतावनी भी जारी की गई है, जिससे पहले धूल का गुबार बन रहा है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पूरे उत्तर भारत में धूल भरी आंधी चल रही है। ऊपर उठी धूल हवा के संपर्क में आने के कारण फैलती जा रही है। बताया कि धूल की परत के कारण सामान्य से अधिक गर्मी महसूस की गई।
यह है खतरा
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. रामेश्वर पांडे के मुताबिक इस तरह की प्रदूषित हवा में लगातार सांस लेने से सांस से जुड़ी बीमारियों के साथ हृदय रोग होने का खतरा रहता है। जिन लोगों को पहले से यह बीमारियां हैं उन्हें इसके खतरनाक स्तर पर पहुंचने अथवा अचानक अटैक पडऩे का भी खतरा रहता है।
ये हो सकती हैं बीमारियां
अस्थमा, टीबी, दिल की बीमारी, रक्तचाप, सिरदर्द और चक्कर आना, चर्म रोग, अपच और गैस की बीमारी, आंखों में जलन।
ऐसे करें बचाव
– मास्क का उपयोग करें। एन 52 या आम मास्क हो तो उसे पहनें।
– घर से बाहर निकलते समय मास्क न हो तो मुंह पर कपड़ा भी लपेटकर रह सकते हैं।
– बाइक चालक हेलमेट जरूर लगाएं और कार चालक शीशा बंद रखें।