मुंबई। प्रियंका चोपड़ा देर रात मुंबई पहुंच गईं। उनका आना जाना लगा रहता है जब से वो अमेरिका में टीवी शो क्वांटिको को ले लिए गईं थीं। पर ये आना कुछ ख़ास सुर्खियाँ बटोर गया। सोशल मीडिया एक्टिव हो गया । तस्वीरें छा गई।
ऐसा क्यों। क्योंकि उनके साथ अमेरिकी सिंगर-एक्टर और आजकल प्रियंका के ख़ास दोस्त निक जोनास थे। प्रियंका का अमेरिकी टीवी शो ख़त्म हो चुका है और अब वो दो साल बाद अपनी पहली फिल्म भारत की तैयारी शुरू करेंगी। अली अब्बास ज़फर के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म में सलमान खान उनके हीरो होंगे और साथ होंगी दिशा पटानी।
पिछले कुछ समय से विदेशी मीडिया में प्रियंका चोपड़ा की रिलेशनशिप को लेकर ख़ूब हो-हल्ला हुआ है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रियंका और निक को कई बार एक साथ देखा गया। बात लव रिलेशनशिप से शादी तक पहुंची।
हालांकि माँ मधु चोपड़ा पहले ही कह चुकी हैं कि देसी गर्ल के लिए देसी बॉय ही दूल्हा होगा। पर प्रियंका दो साल से देसी से विदेशी गर्ल बन चुकी हैं तो ज़ाहिर है उनकी पसंद भी निक जोनास के रूप में आई है।
जोनास इंडिया घूमने आये हैं या मामला कुछ और है इसका खुलासा होना अभी बाकी है। 25 साल के निक सिंगर, राइटर, एक्टर और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर हैं।
इंडियन फिल्मों का काम भी देखना चाहते हों तो प्रियंका से बेहतर गाइड उनके लिए कौन हो सकता है।बहरहाल, मुंबई की रिमझिम बारिश में कल रात दोनों बड़े ही गुपचुप तरीके से बाहर आये और गाड़ी में बैठ कर घर रवाना हो गए। कैमरा भी पूरी तरह पकड़ नहीं पाया।
प्रियंका के संस्मरण
प्रियंका चोपड़ा ने अपने संस्मरण और वृत्तांत (मेमोर) को किताब के पन्नों में कैद किया है और वो किताब अगले साल रिलीज़ की जायेगी। इसका नाम ‘अनफिनिश्ड’ रखा गया है। एक नामी पब्लिकेशन हाउस की तरफ़ से पब्लिश होने वाली इस किताब में प्रियंका के लिखे निबंधों, कहानियों और कुछ ऐसे प्रसंग, जिसे प्रियंका ने महसूस किया है, शामिल किया जाएगा। किताब अमेरिका, ब्रिटेन और इंडिया में एक साथ प्रकाशित होगी। ‘अनफिनिश्ड’, कुछ मज़ेदार किस्सों, बगावती तेवरों और बोल्ड स्टेटमेंट से भरी पड़ी होगी, जिसका दावा प्रियंका ने कर दिया है। देसी से विदेशी गर्ल हो चुकी प्रियंका के मुताबिक “यह सब मेरे मिज़ाज की तरह ही होगा। मैं बहुत ही प्राइवेट पर्सन हूं। अब तक मैंने अपने बारे में बहुत कुछ नहीं बोला था लेकिन अब मैं इसके लिए तैयार हूं। ऐसा मैं इसलिए कर रही हूं ताकि लोगों को और खासकर महिलाओं को मेरी कहानियों से प्रेरणा मिले”। प्रियंका इसे महिलाओं का मेनिफेस्टो मानती हैं। ये किताब ऐसी महिलाओं के लिए भी होगी, जो इस बात में विश्वास करती हैं कि उन्हें वो सब कुछ नहीं मिला, जिसकी वो अधिकारी थीं।