उत्तराखण्ड

अतिक्रमण को लेकर दून के इन स्थानों पर ठिठक रहे प्रशासन के कदम

देहरादून: प्रेमनगर, पलटन बाजार और राजपुर रोड का अतिक्रमण टास्क फोर्स ही नहीं, बल्कि सरकार के लिए चुनौती बन गया है। यहां लाल निशान लगाने के बाद विरोध-प्रदर्शन के चलते अतिक्रमण हटाओ टीम हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। इसका असर अब पूरे शहर में हटाए जा रहे अतिक्रमण अभियान पर भी पड़ने लगा है। पहले जहां लोग कार्रवाई में सहयोग कर रहे थे, अब खुलकर इन क्षेत्रों को पनाह देने का सवाल उठाकर विरोध करने लगे हैं।

हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान की हर कोई तारीफ कर रहा है। लेकिन, वोटों की गणित को देखते हुए भाजपा विधायक इसके विरोध में उतर गए हैं। हालांकि, लोग अभियान में जुटी टास्क फोर्स के लाल निशान लगाते ही स्वयं अतिक्रमण हटा रहे हैं। लेकिन, प्रेमनगर बाजार, पलटन बाजार और राजपुर रोड के कैनाल रोड से घंटाघर के बीच का अतिक्रमण हटाने पर सरकार के कदम भी ठिठक गए हैं।

राजपुर रोड पर 27 जून को लाल निशान लगाए गए थे। लेकिन, यहां सिंचाई विभाग का विवाद और व्यापारियों के विरोध के चलते टीम हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। पलटन बाजार में 2005 के बाद दोबारा अतिक्रमण पर व्यापारी विरोध में उतरे हुए हैं। यहां कई बार टीम का घेराव करने के बाद सीमांकन का पैमाना ही बदल गया।

जबकि, प्रेमनगर बाजार के अतिक्रमण को सरकार की शक्ति और अफसरों की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। यहां का अतिक्रमण न हटाए जाने पर अब शहर के लोग भी खुलकर कहने लगे कि प्रेमनगर को माफी और हमारे ऊपर घर और व्यवसाय पर जेसीबी चलाने की दोहरी नीति ठीक नहीं है। रिंग रोड, सहस्रधारा रोड और करनपुर बाजार में इसे लेकर लोगों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

प्रेमनगर में सत्यापन जारी 

विधायकों के दबाव पर प्रेमनगर बाजार में प्रशासन ने गुरुवार को भी अतिक्रमण की जद में आए व्यापारियों और आवासीय भवनों का सत्यापन जारी रखा। लोगों ने हर परिवार की डिटेल जुटाते हुए फोटोग्राफी के साथ रिकॉर्ड तैयार किया है। बताया जा रहा है कि सरकार पुनर्वास योजना से जोड़ने के लिए यह सत्यापन कार्य करा रही है।

फिर सजने लगा प्रेमनगर बाजार 

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के चलते प्रेमनगर में लोगों ने अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया था। पिछले एक सप्ताह से यहां अधिकांश अतिक्रमण लोगों ने स्वयं ध्वस्त भी कर दिया। लेकिन, दुकानें और घर जद में आने से लोग खाली कर रहे थे।

मामले में प्रशासन की कार्रवाई हल्की होने पर लोगों ने खाली दुकानों को फिर सजाने का काम शुरू कर दिया है। लोगों को उम्मीद है कि अब यहां अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होगी।

इंदिरानगर और नेहरू कॉलोनी में विरोध

आवास विकास परिषद उत्तर प्रदेश के अधीन नेहरू कॉलोनी और इंद्रानगर कॉलोनी में लोगों ने विरोध जारी रखा। लोगों ने कहा कि उनके खिलाफ उत्पीडऩ की कार्रवाई ठीक नहीं है। इसे लेकर लोगों ने बैठक कर अतिक्रमण की कार्रवाई के खिलाफ लामबंद होने का निर्णय लिया है।

इधर, डांडा लखौंड सहस्रधारा में भी लोगों ने गलत तरीके से सीमांकन का आरोप लगाया। लोगों ने एक ही सड़क पर भिन्न-भिन्न मानक अपनाने पर नाराजगी जाहिर की।

यहां और नेहरू कॉलोनी में विधायक उमेश शर्मा काऊ ने पहुंच कर लोगों को समर्थन दिया। इधर, मसूरी विधायक गणेश जोशी भी सहस्रधारा और ब्रह्मावाला खाला में हुई कार्रवाई के विरोध में लोगों के बीच पहुंचे।

जनता को उमेश की चार बातें 

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि वह अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं कर रहे हैं। वह अतिक्रमण के नाम पर उत्पीडऩ की कार्रवाई से दुखी हैं। इसे लेकर वह प्रभावितों के बीच जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को धैर्य रखने, विश्वास जताने, अफवाह पर ध्यान न देने और अफसर-जन प्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही की बात कही जा रही है। इसके लिए वह सीमांकन कर रही टीम को भी संतुष्ट करने के बाद ही लाल निशान लगाने को कह रहे हैं।

हर हाल में होगी कार्रवाई 

जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि शहर के चिह्नित अतिक्रमण पर हर हाल में कार्रवाई होगी। प्रेमनगर के लोगों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। सत्यापन की कार्रवाई होते ही यहां अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसी तरह पलटन और राजपुर रोड में भी अतिक्रमण हटेगा।

रिंग रोड पर अफसरों में दिखा समन्वय का अभाव

ईकोर्ट के आदेश पर चल रही अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई में समन्वय का अभाव दिखने लगा है। चार जोन तय करने के बावजूद अब टीमें एक ही जोन में सिमटने लगी है। बावजूद इसके आउटपुट भी कम होने लगा है। ङ्क्षरग रोड पर गुरुवार को इसका उदाहरण देखने को मिला। यहां तैनात अफसर समन्वय के अभाव में खाली कदमताल करते दिखे।

हाईकोर्ट ने शासन को एक माह के भीतर सार्वजनिक सड़कों का अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए चार जोन बनाते हुए हर जोन में दो-दो मजिस्ट्रेट तैनात किए गए। काम की रफ्तार धीमी हुई तो शासन ने पांच सीनियर पीसीएस अफसरों को तैनात किया। दो दिन से अफसर कार्रवाई में शामिल हैं।

अफसरों के शामिल होते ही अतिक्रमण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तेजी आई और 280 रिकार्ड ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गईं। मगर, चारों जोन की टीम को एक करते हुए रिंग रोड पर लगा दिया। यहां सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा आठ पीसीएस अफसर, लोनिवि, एमडीडीए, नगर निगम आदि के अफसर भी शामिल रहे।

इस दौरान अतिक्रमण हटाने की जो रफ्तार होनी थी, वह समन्वय के अभाव में नजर नहीं आई। सीनियर अधिकारी खाली हाथ दिखे। अफसरों के सामने स्थिति यह थी कि कहां से अतिक्रमण हटाएं, किसे साथ रखें और कैसे हटाएं, जैसे सवाल से कार्रवाई शुरू नहीं हो पा रही थी। यहां कार्रवाई की सुस्ती को लेकर आम लोगों में भी खासी चर्चाएं थी।

ये अधिकारी थे शामिल 

मनुज गोयल सिटी मजिस्ट्रेट, मीनाक्षी पटवाल एसडीएम मसूरी, बृजेश तिवारी एसडीएम कालसी,प्रत्यूष सिंह एसडीएम सदर पहले से टीम में शामिल थे। इसके अलावा शासन ने पांच सीनियर पीसीएस अधिकारी एसएल सेमवाल सचिव दून घाटी विकास प्राधिकरण, बीएल राणा जीएम जीएमवीएन, मनमोहन सिंह रावत अधिशासी निदेशक चीनी मिल, विप्रा त्रिवेदी उपायुक्त राजस्व, झरना कमठान महाप्रबंधक सिडकुल भी शामिल थे।

तेजी से हटेगा अतिक्रमण 

अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक रिंग रोड पर अतिक्रमण की कार्रवाई ज्यादा संवेदनशील थी। ऐसे में सभी टीमों को वहां तैनात किया गया। अभियान में जुटे अधिकारी समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं। आगे और तेज गति से अतिक्रमण हटेगा।

70 बड़े अतिक्रमण पर गरजी जेसीबी

हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स ने रिंग रोड पर 70 बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान तीन वेडिंग प्वाइंट की सड़क तक फैली बाउंड्री को भी जेसीबी से तोड़ दिया गया। इसके अलावा 115 नए अतिक्रमण चिह्नित कर लाल निशान लगाए गए। अभियान के दौरान एमडीडीए ने सात भवन सील और 23 संचालकों को ध्वस्तीकरण के नोटिस भी जारी किए।

राजधानी में हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। टास्क फोर्स ने हरिद्वार हाईवे पर जोगीवाला से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इसके लिए चार जोन की टीमों के अफसर, कर्मचारी और मजदूरों के अलावा मशीनरी मौजूद रही।

फोर्स ने जोगीवाला और छह नंबर पुलिया के बीच करीब 70 बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान आवासीय घर, दुकानें, वेडिंग प्वाइंट, स्कूल और अन्य पक्के अतिक्रमण गिराए गए। टास्क फोर्स के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक शहर में 4789 अतिक्रमण चिह्नित किए जा चुके हैं। जबकि 2266 के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो चुकी है।

इस दौरान सात नए भवनों को भी सील किया गया। अब तक सील किए गए भवनों की संख्या 95 हो गई है। इधर, कार्रवाई के दौरान एमडीडीए की टीम ने आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधियां चलाने पर 23 लोगों को नोटिस दिए गए। इसमें नक्शा और जरूरी प्रमाण न दिखाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

सीमांकन पर फिर हुआ विवाद 

रिंग रोड पर अतिक्रमण के सीमांकन को लेकर विवाद की स्थिति रही। इस दौरान लोगों ने हंगामा करते हुए चिहनीकरण को गलत ठहराया। लोगों ने 1904 से लेकर 1938 तक का नक्शा दिखाया। इस दौरान सड़क के एक तरफ दो से पांच मीटर ध्वस्तीकरण और दूसरी तरफ कोई कार्रवाई न करने पर लोग भड़क गए। लोगों ने अधिकारियों का घेराव करते हुए नए सिरे से सीमांकन की मांग की। बाद में अफसरों ने समझाते हुए मामले को शांत कराया।

माहेश्वरी स्वीट शॉप पर लगे लाल निशान 

करनपुर बाजार में माहेश्वरी स्वीट शॉप पर भी डोजर चलेगा। इस मामले में अतिक्रमण हटाओ टीम ने भवन पर लाल निशान लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि दुकान के संचालक करनपुर बाजार में हुई कार्रवाई के बाद कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने पुन सीमांकन के आदेश दिए थे। इस मामले में 17 अगस्त को अंतिम सुनवाई होनी है। इससे पहले प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर सीमांकन की कार्रवाई पूरी कर ली है। अब कोर्ट में सुनवाई होते ही भवन पर जेसीबी चलाई जाएगी।

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