उत्तराखण्ड राजनीतिक

लोकसभा चुनाव: उत्तराखंड में घोषणापत्र जारी करने में ठिठकी कांग्रेस

देहरादून। आर्म्‍ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) और देशद्रोह कानून पर कांग्रेस के घोषणापत्र में लिया गया स्टैंड उत्तराखंड में उसके लिए परेशानी का सबब बनता दिखाई दे रहा है। सैनिक बहुल उत्तराखंड में इन दोनों बिंदुओं पर खुद को असहज महसूस कर रही पार्टी को गुरुवार को प्रदेश मुख्यालय में घोषणापत्र जारी करने की योजना से कदम पीछे खींचने पड़ गए। अब छह अप्रैल को उत्तराखंड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी दौरे के बाद इसे जारी किया जाएगा। राज्य में पहले चरण यानी 11 अप्रैल को चुनाव की वजह से घोषणापत्र जारी करने में ज्यादा वक्त नहीं बचने से पार्टी चिंतित भी है। इसे कम समय में प्रत्याशियों और आम जनता तक कैसे पहुंचाया जाए, फिलहाल इसकी रणनीति पर भी मंथन किया जा रहा है।

लुभावनी घोषणाओं में देरी

गरीबों को न्यूनतम आय गारंटी यानी उनके खाते में सालाना 72 हजार रुपये डालने समेत कांग्रेस के घोषणापत्र के गुलाबी एजेंडे का उत्तराखंड में प्रदेश संगठन को बेसब्री से इंतजार रहा, आश्चर्यजनक ढंग से पार्टी को उसे टालने को मजबूर होना पड़ रहा है। गुरुवार को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किए गए घोषणापत्र को 22 राज्यों में जारी किया। उत्तराखंड में महज सात दिन बाद मतदान होने के बावजूद इसे जारी नहीं किया गया। इसकी वजह घोषणापत्र में अफस्पा और देशद्रोह कानून को लेकर पार्टी का रुख है। ये रुख उत्तराखंड के सियासी हालात में पार्टी को माकूल नहीं लग रहा है।

सैनिक बहुल राज्य में बढ़ी दिक्कतें

दरअसल राज्य में सैनिक पृष्ठभूमि के मतदाताओं की संख्या करीब 12 फीसद है। राज्य के अधिकतर परिवारों के किसी न किसी तरह सैन्य पृष्ठभूमि के परिवारों से संबंध को देखते हुए इसके सामाजिक और सियासी असर को और व्यापक माना जाता है। अफस्पा और देशद्रोह कानून को लेकर कांग्रेस के रुख की सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी खुलकर आलोचना कर रहे हैं। वहीं सैनिक बहुल उत्तराखंड में भाजपा ने कांग्रेस के घोषणापत्र के इन दोनों बिंदुओं को निशाना बना शुरू कर दिया है। मामले की नजाकत देखते हुए प्रदेश में कांग्रेस सावधानी बरत रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छह अप्रैल को उत्तराखंड में तीन स्थानों पर श्रीनगर गढ़वाल में दोपहर 12 बजे, अल्मोड़ा में दोपहर दो बजे ओर हरिद्वार में शाम चार बजे चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।

वेट एंड वाच की मुद्रा में कांग्रेस 

सैनिक पृष्ठभूमि के मतदाताओं की नाराजगी मोल लेने से बच रही पार्टी अब उत्तराखंड में राहुल के दौरे के बाद इसे जारी कर सकती है। हालांकि घोषणापत्र जारी करने में देरी का खामियाजा राज्य की पांचों सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार सामग्री देर से मिलने के तौर पर भुगतना पड़ सकता है, लेकिन सैनिक परिवारों की नाराजगी को देखते हुए पार्टी वेट एंड वॉच को मजबूर हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने घोषणापत्र जारी होने के पीछे केंद्रीय नेताओं का समय नहीं मिलने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के लिए कम वक्त बचा है। लिहाजा उनके दौरे के बाद ही घोषणापत्र को जारी करने पर विचार होगा।

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