उत्तराखण्ड

भ्रष्टाचार के मामले में पहली बार जज को किया गया बर्खास्त

UK Review-नैनीताल,हाईकोर्ट की संस्तुति व राज्यपाल की मंजूरी के बाद काशीपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट अनुराधा गर्ग को भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। उत्तराखंड शासन ने इस बाबत आदेश जारी किया है। सेवा समाप्त करने का यह आदेश उच्च न्यायालय की सिफारिश पर जारी किया गया है।बता दें कि अनुराधा गर्ग 2015 से निलंबित चल ही थीं। उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश ने प्राथमिक जांच के आदेश दिए थे। राज्य बनने के 19 साल में पहली बार भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक अफसर को बर्खास्त किया गया है। अनुराधा 2008 की न्यायिक सेवा की अधिकारी थीं।बता दें कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर 27 मार्च को आदेश जारी कर एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) अनुराधा गर्ग को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में अनियमितताएं व भ्रष्टाचार की बात सामने आने पर निलंबित कर दिया था। जांच अधिकारी हरिद्वार जिला जज विवेक भारती की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने अनुराधा को बर्खास्त करने की संस्तुति राज्यपाल को भेजी थी। राज्यपाल की मंजूरी के बाद दो रोज पहले प्रमुख सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी की ओर से बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया है। राज्य बनने के 19 साल में पहली बार भ्रष्‍टाचार के मामले में न्यायिक अफसर को बर्खास्त किया गया है।

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