उत्तराखण्ड

स्कूली वाहनों में ठूंस ठूंस कर बिठाए जाते बच्चे

देहरादून (UK Review संवाददाता) राजधानी देहरादून में ओवरलोडेड ऑटो,विक्रम वैन में क्षमता से चौगुना बच्चों को बिठाकर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। चंद पैसे के लालच में ज्यादातर स्कूली बच्चों को जान हथेली पर रखकर स्कूल का सफर तय करना पड़ रहा है। जिन वाहनों को स्कूल बस के रूप में प्रयोग किया जाता है,उनमें से ज्यादातर तय मानकों को पूरा ही नही करते। कहीं पर ऑटो तो कहीं पर पिकअप जैसे वाहनों को स्कूल वाहन के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इन वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंसकर भरा जाता है। वाहनों में सफर कर रहे बच्चों के हाथ पांव बाहर ही लटकते रहते हैं,इनमें स्कूल बसों की संख्या सीमित होने के कारण अधिकतर बच्चे ऑटो,विक्रम वैन से स्कूल आते.जाते हैं, जिससे हादसे होने की आशंका रहती है।लगातार दुर्घटनाएं होने के बावजूद प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारी सबक लेने के तैयार नहीं हैं।सुबह के समय व स्कूल की छुट्टी होने के बाद अक्सर ऐसा नजारा राजधानी देहरादून में हर सड़क पर देखा जा सकता है।हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन व अधिकारी मूकदर्शक ही बने हुए है। जमीनी हकीकत यह है कि कार्रवाई के नाम पर कुछ नही किया जाता। ज्यादातर स्कूलों ने बस, ऑटो, वैन आदि की सुविधा ठेके पर दे रखी है। बच्चों को ले आने और छोड़ने में जल्दबाजी की जाती है।अवैध स्कूली वाहनों को प्रयोग करने में राजधानी के कई नामी गिरामी निजी स्कूल भी पीछे नही हैं।

Related posts

जिलाधिकारी विनोद सुमन ने जनशिकायतो को दी प्राथमिकता, ट्रेचिग ग्राउन्ड का किया स्थलीय निरीक्षण

News Admin

60 जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए

Anup Dhoundiyal

व्यक्ति या समुदाय को मानवीय अधिकारों से वंचित करना मानव धर्म नहींः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment