-अपने गुनहगारों, भ्रष्टों की भी सी0बी0आई0 जाँच कराये केन्द्र सरकार
-खनन, एन0एच0आर0एम0, ढैंचा बीज, आपदा, एन0एच0 आदि तमाम घोटाले हैं मुँह बाये खड़े
-हरीश रावत सरकार की सी0बी0आई0 जाँच को क्यों निरस्त नहीं किया केन्द्र सरकार ने
-मुख्यमन्त्री के खानदान के स्ट्रिंग वीड़ियों पर क्यों कार्यवाही नहीं
देहरादून, (UK Review)। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अपने को पाक-साफ कहने वाली झूठी केन्द्र सरकार ने दुराग्रह से प्रभावित होकर सी0बी0आई0 को राजनैतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर विपक्ष को कुचलने की साजिश रच रखी है। सी0बी0आई0 आज भाजपा का फ्रंटल संगठन मात्र बनकर रह गया है।देहरादून में एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नेगी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने चिदम्बरम मामले में अच्छा कदम उठाया है, लेकिन अपनी पार्टी के गुनहगारोंध्भ्रष्टों, जिन्होंने प्रदेश को लूटने का काम किया, उनको सरकार का वरदहस्त प्राप्त है।नेगी ने कहा कि तत्कालीन हरीश रावत सरकार को अपदस्थ करने के लिए रातों-रात राजभवन को दबाव में लेकर बिना पुख्ता सबूतों के दिनांक 02.04.2016 व 05.05.2016 को राजभवन ने सी0बी0आई0 जाँच की सिफारिश कर दी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा सी0बी0आई0 जाँच निरस्त करने सम्बन्धी आदेश दिनांक 15.05.2016 का क्यों केन्द्र सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया तथा अपनी मनमानी के तहत आज भी सी0बी0आई0 जाँच जारी किये हुए है। नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत के खननध्शराब, ढैंचा बीज आदि सैकड़ों करोड़ के घोटाले, एन0एच0आर0एम0 का पाँच सौ करोड़ से अधिक का घोटाला, आपदा, एन0एच0 72 आदि तमाम घोटाले मुँह बाये खड़े है, लेकिन इनकी सी0बी0आई0 जाँच के लिए केन्द्र सरकार ने कभी राज्य सरकार को इशारा नहीं किया। मुख्यमन्त्री के खानदान के स्ट्रिंग भी इनको दिखायी नहीं दे रहे। आलम यह है कि बड़े-बड़े घोटालेबाज आज भाजपा की गोद में जा बैठे हैं, जो कि इन गुनहगारोंध्भ्रष्टों के लिए पनाहगाह बन गयी है। नेगी ने कहा कि केन्द्र सरकार अगर 2-3 अपने गुनहगारों की भी सी0बी0आई0 जाँच कराती तो कुछ पारदर्शिता दिखती, लेकिन इस प्रकार से सी0बी0आई0 के इस्तेमाल ने इस संस्था के औचित्य पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, अरूण कुकरेती, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।