अरुण नेगी-डॉक्टर को यूं ही भगवान का दर्जा नहीं दिया जाता अगर धरती पर एक इंसान की जान बचाने वाला कोई है तो वह सिर्फ है एक डॉक्टर एक ऐसा ही उदाहरण देहरादून के कैलाश अस्पताल में देखने को मिला जहां दुनिया के सबसे छोटे पेसमेकर के रोगी को हृदय में प्रत्यारोपित करते हुए कीर्तिमान स्थापित किया गया आपको बताते हैं लीड लेस पेसमेकर दुनिया में सबसे उन्नत पेसिंग तकनीक वाला एक छोटा हार्ड डिवाइस है कैलाश अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के डॉक्टर राज प्रताप सिंह व डॉक्टर अखिलेश पांडे डॉक्टर एसपी गौतम और डॉक्टर की जी शर्मा इसके अलावा सर्जरी टीम ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान दिया वर्तमान में हार्ट अटैक की स्थिति में यह एक कारागार पद्धति सामने निकल कर आई है पेसमेकर इस बीमारी का एक मात्र इलाज है दिल की सामान्य करने व बहाल करने और इस तरह के लक्षणों को दूर करने में काफी मदद करते हैं कैलाश अस्पताल में आयोजित पत्रकार वार्ता में अस्पताल के निदेशक पवन शर्मा व डॉक्टर राज प्रताप सिंह ने बताया कि जिस मरीज का इलाज किया गया वह 80 साल के बुजुर्ग थे जो हार्ट ब्लॉक एनीमिया किडनी की बीमारी और त्वचा रोग से ग्रसित उन्हें डॉक्टरों द्वारा पेसमेकर प्रत्यारोपण की सलाह दी गई उसके बाद आज सफल ऑपरेशन के दौरान 80 साल की बुजुर्ग खुद को ताजा महसूस करते हुए दिखाई दिए इस दौरान पत्रकार वार्ता में रूबरू होते हुए डॉक्टरों ने बताया कि दुनिया के इस सबसे छोटे पेसमेकर को सीधे हृदय में प्रत्यारोपित किया जा सकता है यह रोगी के अनुकूल होता है क्योंकि यह कोई निशान नहीं छोड़ता और रोगी इसको लगाने के बाद पहले ही दिन से अपनी सामान्य जिंदगी जी सकता है इस दौरान डॉक्टर राज प्रताप सिंह ने बताया लीड रहित पेसमेकर उन रोगियों के लिए वरदान है जिन पर पारंपरिक पेसमेकर लगाने के कई प्रयास विफल हो चुके हैं उन्हें सारी बाधाओं के कारण प्रत्यारोपित नहीं किया जा सका था लेकिन इस तकनीक के आने के बाद हृदय रोगियों के लिए एक राहत भरी खुशखबरी जरूर है कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आतिश सिन्हा डॉ कुमार गौरव आदि उपस्थित रहे