प्रेमनगर लूटकांड की तफ्तीश के दौरान पुलिस को एक ऐसी सीसीटीवी फुटेज मिली, जिसने वारदात की पूरी तस्वीर एक तरह से साफ करके रख दी। बताया जा रहा कि इस फुटेज को जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक जेल में लूट व अन्य संगीन मामलों में बंद एक अपराधी को दिखाया गया तो उसने दोनों को पहचान लिया। बताया कि यह दोनों करीब तीन साल तक जेल में चेन लूट व अन्य मामलों में बंद रहे थे। यह भी पता चला कि इन दोनों ने इसी कुख्यात से बड़ी वारदात करने के पैंतरे भी सीखे थे
मनगर लूटकांड में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि वारदात की पटकथा बिहार और झारखंड में तैयार की गई है।
ज्वेलर्स ने घटना के ही दिन पुलिस को इस ओर इशारा किया था, जिस पर पुलिस को अब पुख्ता सुराग मिल गए हैं। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक जेल में बंद एक शातिर लुटेरे से भी कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर माना जा रहा है कि वारदात के लिए बदमाश पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हायर किए गए थे।
जेल से छूटने के बाद दोनों ने देहरादून को टारगेट किया और यहां कई दिन तक रेकी करते रहे। लेकिन, जब पड़ताल की गई और देव ज्वेलर्स के मालिक से पूछताछ में सामने आई बातों की एक दूसरे से कड़ी जोड़ी गई तो वारदात के बिहार-झारखंड कनेक्शन पर छाई धुंध छंटने लगी। पहचान होने के बाद पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी की कोशिश में जुट गई है। सूत्रों की माने तो वारदात से पहले बदमाश देहात क्षेत्र के होटल या रिजार्ट में ठहरे थे। माना जा रहा है कि अब पुलिस घटना का एक-दो दिन में पर्दाफाश कर सकती है। हालांकि अभी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती देव ज्वेलर्स के यहां से लूटे गए दो किलो सोने के आभूषण की बरामदगी की भी है