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सीएम ने नैनीताल में 12 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व 33 परियाजनाओं का किया शिलान्यास

नैनीताल/देहरादून, ukreview। वैदिक मंत्रों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने कलैक्टेट प्रांगण में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान जिला कार्यालय मुख्य द्वार से कैम्प कार्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर आगमन तथा म्यूरल का अनावरण किया, उन्होने स्वयं सहायता समूह के सुढरीकरण हेतु निर्मित हिलांस आउटलैट, दिव्यांग एवं वृद्वजनों के जनसेवार्थ स्थापित लिफ्ट चेयर, विधानसभा नैनीताल क्षेत्र की 12 विकास परियोजनाओं लागत 26.96 करोड का लोकार्पण तथा 33 विकास परियाजनाओं लागत 61.18 करोड का शिलान्यास किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जनशिकायतों के समाधान हेतु संतुष्टि पोर्टल, आशा कार्यकत्रियों के कार्यो के सापेक्ष की प्रोत्साहन राशि के भुगतान सम्बन्धी समाधान हेतु तृप्ति पोर्टल का शुभारम्भ किया। उन्होने विद्यालयी बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एव उपचार हेतु संचालित आरबीएसके योजना के अनुश्रवण हेतु सूद पोर्टल का शुभारम्भ, नैनीताल नगर के मुख्य नालों तथा नैनीझील के संवेदनशील बिन्दुओं पर कूडेध्मलबे की सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी एव अनुश्रवण हेतु रियल टाइम मानिटरिंग सुपरविजन का शुभारम्भ, दूरस्थ क्षेत्रो बेतालधाट एवं ओखलकांडा में संचार चिकित्सकीय उपकरणों के माध्यम से उच्च चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराने हेतु टेली मेडिसन सुविधा का शुभारम्भ, नैनीझील की स्वच्छता एवं नौकायान करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा हेतु जिला प्रशासन द्वारा स्वच्छुरक्षित योजनान्तर्गत झील मे राहत एवं बचाव उपकरणों युक्त तैनात 02 नौकाओं का लोकार्पण, नैनीताल की दूरस्थ प्रशासनिक इकाईयों कोश्याकुटौली तथा धारी को वीडियोकांफ्रेसिंग सुविधायुक्त करना तथा मातृत्व एवं शिशु विकास सुद्ढीकरण हेतु 08 प्रसव केन्द्र तथा 04 आशाघर का शुभारम्भ किया।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल श्री सविन बंसल ने जो स्वास्थ्य, बेटी बचाओ बेटी पढाओं तथा शिक्षा के क्षेत्र मे जो अद्वितीय कार्य किये है सरकार उसकी प्रशंसा करती है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड ने राष्ट्रीय फलक पर विकास के मायनो मे एक अलग पहचान बनाई है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड  की कल्पना नैनीताल व मंसूरी के बगैर नही की जा सकती। नैनीताल देश की पहली कमिश्नरी है तथा पर्यटक नगरी नैनीताल का भी लगभग 200 वर्ष पुराना इतिहास है। हम झीलों के शहर को तथा झीलों को बचाये रखने के लिए पूरजोर प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि नैनीताल तथा कुमाऊं के घने आबादी वाले शहरो के पेयजल एवं सिचाई की समस्या के लिए जमरानी बांध प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही जामरानी क्षेत्र के प्रभावित लोगों को तराई विस्थापित करने की दिशा मे भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। अब वो दिन दूर नही कि यहां के वाशिंदो का दशकों पुराना जामरानी बांध प्रोजेक्ट जल्द ही धरातल पर मूर्त रूप लेगा। कोसी बांध पर भी कार्य किये जाने की सरकार की योजना है इससे भी पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी।

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