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वन नेशन वन राशन कार्ड प्रदेश में अगस्त से लागू किया जाएगाः सीएम 

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज में आज केंद्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं को छोटे किसानों, गरीबों, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडरों के लिए समर्पित बताते हुए स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे गरीब किसानों और मजदूरों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि
की गई घोषणाओं से समूचे देश के साथ उत्तराखण्ड को भी लाभ मिलेगा। हमें घर लौटने वाले प्रवासी भाइयों, किसानों और मजदूरों को राहत देने में काफी मदद मिलेगी। प्रवासी मजदूरों को फ्री राशन, सस्ते किराए पर मकान की योजना, स्ट्रीट वेंडरों के लिए ऋण की योजना, किसान क्रडिट कार्ड के विशेष अभियान, इन सभी उपायों से निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड के लोगों को बहुत फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन कार्ड प्रवासियों के लिए काफी लाभकारी होगी। वन नेशन वन राशन कार्ड अगस्त से लागू किया जाएगा। प्रवासी राशन कार्ड से किसी भी राज्य की किसी भी दुकान से खाद्य सामग्री ले सकेंगे। प्रवासी मजदूरों के लिए फ्री राशन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें दो माह तक प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा। प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को सस्ते किराए पर मकान दिलवाने की योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शुरू किया जा रहा है। स्ट्रीट वेंडरों के लिए 5000 करोड़ रुपए की स्पेशल क्रेडिट सुविधा की योजना एक महीने में  योजना लागू की जाएगी। इससे 50 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा होगा। मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख तक है। उनके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम मार्च 2021 तक बढ़ाई जा रही है। इससे 2.5 लाख लोगों को फायदा होगा। किसान क्रेडिट कार्ड का विशेष अभियान चलाकर 2 करोड़ 50 लाख किसानों के लिए कुल 2 लाख करोड़ रूपए की कन्सेशनल क्रेडिट उपलब्ध कराया जाएगा। फसल ऋण पर इंटरेस्ट सबवेंशन को 31 मई तक बढ़ाने से तीन करोड किसानों को फायदा होगा। 25 हजार करोड़ रूपए की लोन लिमिट के साथ कुल 25 लाख नए किसान के्रडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लिक्विडिटी सपोर्ट के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मार्च से फसल की खरीद के लिए राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय मदद 6700 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने बढ़ाई है। ग्रामीण इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 4200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अपने गृह राज्यों में लौटे प्रवासी मजदूरों को काम दिया गया है। उन्हें रजिस्टर किया जा रहा है। इन्हें मनरेगा का सपोर्ट भी दिया जा रहा है। राज्यों को सलाह दी गई है कि घर लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से काम दिया जाए। मनरेगा के काम मानसून में भी जारी रखे जाएंगे। मजदूरों को समय पर पैसा मिले, गरीब से गरीब मजदूर को भी न्यूनतम वेतन मिले और क्षेत्रीय असामनता दूर हो इसके लिए कानून बनाया जाएगा।

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