चमोली। प्रदेश सरकार की ओर से जून में चारधाम और अन्य तीर्थ स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोलने के निर्णय पर तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। तीर्थपुरोहित संगठनों का कहना है कि इस समय देश व दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है, ऐसे में प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा व धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना का तेजी से प्रसार हो रहा है उसको देखते चारधाम श्रद्धालुओं के लिए खोलने पर फिर से विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चारधाम में कोरोना से निपटने में सरकार की ओर से अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नही किये गए हैं। इसी तरह देश के विभिन्न भागों से आने वाले श्रद्धालु चार धामों में कोरोना संक्रमण नहीं फैलायेगे इसका कोई भरोसा सरकार की ओर से नहीं दिया गया है। महापंचायत उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला ने सरकार से पहले तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियों को चार धामो मे जाने की अनुमति दिये जाने को कहा है, जिससे वह अपने निवासों व यात्रियों को दिये जाने वाली व्यवस्थाओं को ठीक कर सकें। महामन्त्री हरीश डिमरी ने कहा कि सरकार की ओर से यात्रियों, तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियों को भगवान भरोसे छोड़कर चार धाम यात्रा शुरू करना काफी जोखिम भरा साबित हो सकता है।