-त्रिवेंद्र सरकार करा रही सरकारी संपत्ति एवं पैसे का दुरुपयोग, नियमों की हो रही अनदेखी
-कृषि मंत्री बताएं कि क्या मंडी अध्यक्षों का बने रहना वैध हैः आम आदमी पार्टी
देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंडी अध्यक्ष ने कहा की मंडी में एपीएमसी एक्ट के खत्म हो जाने पर भी मंडी परिषद में उपाध्यक्ष राज्यमंत्री एवं मंडी समितियों में अध्यक्ष किस हक से बैठे हैं जबकि 9 मई 2020 को उत्तराखंड राज्य की गवर्नर ने एक अध्यादेश जारी कर एपीएमसी एक्ट समाप्त आप कर दिया एवं ए पी एल एम एक्ट को लागू किया है। विदित हो की एपीएमसी एक्ट की धारा 48 जिसमें मंडी परिषद के उपाध्यक्ष की नियुक्ति होती है एवं धारा 17 जिसके अंतर्गत मंडी अध्यक्षों की नियुक्ति होती है समाप्त हो गया है तो यह सभी अध्यक्ष किस नियम के अंतर्गत अपनी सीटों पर बैठे हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सत्ता के नशे में चूर होकर वित्तीय अनियमितताएं एवं सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करवा रहे हैं उन्होंने आगे कहा कि वह कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से पूछना चाहते हैं कि किस एक्ट के अंतर्गत वर्तमान में सभी मंडी अध्यक्षों के पदों का निर्वहन किया जा रहा है उन्होंने कहा यह किसानों का पैसा मंडी समितियों में गलत तरीके से बैठे लोगों पर खर्च किया जा रहा है उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इन सभी दायित्व धारियों को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया तो वे इसके खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे क्योंकि मामला किसानों के हित से जुड़ा है यहां यह भी ज्ञात हो की मंडी समिति का इंफ्रास्ट्रक्चर वेतन दायित्व धारियों के खर्चे गाड़ी घोड़े आदि का खर्चा किसानों की उपज से प्राप्त मंडी शुल्क से होता रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल दोनों को कटघरे में खड़ा किया उन्होंने कहा कि भाजपा ने सदैव किसानों का अहित किया है यदि यह अनियमितताएं बंद ना हुई तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ न सिर्फ आंदोलन करेगी बल्कि जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण मिलेगी।