देहरादून। जन्माष्टमी पर इस बार भी लोगों के अंदर संशय बना हुआ है कि कब मनाये 11 को या 12 को। श्री गुरु रामराय संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राम भूषण बिजल्वाण ने बताया ही जन्माष्टमी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दो दिन मनाई जाएगी, क्योंकि 11 अगस्त को सुबह 09 बजके 09 मिनट तक सप्तमी है और फिर अष्टमी लग जायेगी जो कि अगले दिन 12 तारीक को उदयकाल के साथ दिन 11 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। डॉ बिजल्वाण ने बताया कि निर्णय सिंधु के अनुसार जन्माष्टमी में सप्तमी युक्त अष्टमी ही ग्राह्य है यदि सप्तमी तिथि रोहिणी नक्षत्र को स्पर्श न करें इसलिए (स्मार्त) यानि गृहस्थी लोग 11 को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे और वैष्णव परम्परा के लोग तथा मंदिरों में भगवान का जन्म उत्सव आदि 12 अगस्त को मनाया जाएगा क्योंकि रोहिणी नक्षत्र जिसमें भगवान का प्राकट्य हुआ था, वह नक्षत्र भी 12 अगस्त को आधी रात से प्रारम्भ होगा इसलिए दोनों दिन ही जन्माष्टमी मानना श्रेयस्कर है।
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