देहरादून। एनबीसीसी (इंडिया) प्रा.लि. (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने आज गढ़ीकैंट देहरादून में संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड़ सरकार के लिए अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर के निर्माण पूरा होने की घोषणा की एवं बताया कि यह भवन उत्तराखण्ड के लोगांे के लिए समर्पण के लिए तैयार है।
आधुनिक वास्तुकला के साथ सांस्कृतिक केंद्र में 2518 वर्गमीटर क्षेत्र पर अत्याधुनिक 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्याँग लोगो के लिए सुविद्या युक्त ऑडिटोरियम भवन निर्माण किया गया है। साथ ही 12203 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्मित राज्य स्तरीय संग्रहालय भवन भी बनाये गए है। ऑडिटोरियम भवन डिजिटल ध्वनि प्रणाली तथा अत्याधुनिक ध्वनि प्रणाली से युक्त है। इसके अलावा, पूरी तरह से स्वचालित फायर अलार्म और अग्निशमन प्रणाली की भी सुविधाएँ लगी हुई है। 67. 03 करोड़ रुपये धनराशि से निर्मित इस अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर को जल्द ही उत्तराखण्ड़ सरकार द्वारा जनता को समर्पित किया जायेगा। सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनर भवन में चार म्युजियम हाल , दो एक्सीबिशन गैलरी , मीटिंग हॉल , लाइब्रेरी और चार एलीवेटर भी लगाए हैं। इस पुरे भवन को ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट तथा रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम पर बनाया गया है, जिसमे की ऑटो क्लीन सेफ्टीटैंक तकनीक का इस्तमाल किया है । यहाँ पर आने वाले लोगो के लिये 300 से अधिक गाड़ियों के पाार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।
अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर को बनाने वाले प्रोजेक्ट कांट्रेक्टर शलभ गर्ग ने बताया हमे बेहद खुशी है कि हिमालयन कल्चरल सेंटर भवन का निर्माण हमारी कंपनी द्वारा किया गया है और यह कल्चरल सेण्टर बहुत जल्द ही उत्तराखण्ड़ के लोगो के लिए खोला जायेगा जहा पर वे अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा एक्सीबिशन गैलरी मे विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियाँ का आनंद ले सकेंगे। कुछ दिनों में हम इस ऑडिटोरियम को संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड़ सरकार को सौपने जा रहे है। हिमालयन कल्चरल सेंटर के अलावा एनबीसीसी (इंडिया) प्रा लिमिटेड ने उत्तराखण्ड़ में कई अन्य परियोजनाएं भी की हैं। जैसे उत्तराखण्ड़ विधानसभा भवन, एमएलए हॉस्टल का निर्माण तथा डोरमेट्री एवं अन्य भवन गैरसैंण में समय से पूर्व ही बना लिए गए तथा देहरादून में बहु-मंजिला नए कोर्ट परिसर का निर्माण भी कर रहा है। प्रकृति और हमारे देश को मौसम के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए हिमालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिमालयी पर्वत श्रेणी जलवायु परिवर्तन की स्थिति तथा वर्षा आदि के लिए भी उत्तरदायी है। हिमालय पर्वत श्रेणी फूलदार, औषधीय वनस्पतियों, जीवजंतुओं एवं जैवविधिता आदि की अपार भण्डार हैं।