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मैड ने उत्तराखंड जैव विविधता प्रधिकरण के अधिकारियों से की मुलाकात

देहरादून। उत्तराखंड सरकार की जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के तहत थानो स्थित जंगल के भीषण कटान का विरोध करते हुए, देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था नें उत्तराखंड जैव विविधता प्राधिकरण के अधिकारियों से मुलाकात की।
संस्था नें स्पष्ट रुप से अपनी बात रखते हुये, उत्तराखंड सरकार की इस परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से विनाशकारी करार दिया। संस्था ने चिंता जाहिर करते हुये  यह भी बताया की 10,000 पेड़ों का कटान, वह भी ऐसे क्षेत्र में जो वन्य जीवन बाहुल्य है,जहां बाघ और हाथियों को भी नियमित रुप से देखा जाता रहा है, और जहां कई दुर्लभ पक्षी भी देखे जाते हैं, जहां साल के पेडो की भर-मार हैं जिनको एक बार काटने के बाद दुबारा से पोषित करना कठिन कार्य है,ऐसे क्षेत्र में ऐसे प्रोजेक्ट का आना उत्तराखंड की जैव विविधता के लिये बहुत बड़ा खतरा साबित होगा और साथ ही साथ इस वजह से मानव वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ेगा। संस्था ने प्राधिकरण के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा की जो इस योजना को पर्यावरण पर प्रभाव के नजरिए से अध्ययन कर रही कंपनी है, ग्रीन सी इंडिया कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड, गाजियाबाद, की ओर से एक बेहद झूठी रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें कहा गया है कि जिस जगह पर यह योजना लाई जा रही है, वहां ना कोई घना जंगल है और न ही वहां पर शेड्यूल वन फौना हैं, तथा संस्था ने मामलें की गंभीरता को समझते हुए, अनुभाग 23 के तहत जैव विविधता प्राधिकरण से इस परियोजना के विषय मे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, और यह भी बताया की संस्था विकास विरोधी नहीं बल्कि सतत विकास के पक्ष मे हैं,और सरकार को पर्यावरण को अहमियत देते हुये इस परियोजना के विषय में पुनर्विचार करना चाहिए।

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