विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के दलाली रिश्वत प्रकरण में सीबीआई जांच के निर्देश देने के बाद सीएम त्रिवेंद्र को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। राजभवन को न्यायालय की भावनाओं का सम्मान करते हुए इनको मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर देना चाहिए।
नेगी ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र ने झारखंड प्रभारी रहते हुए एक भाजपा नेता से पच्चीस लाख रुपए रिश्वत/दलाली लेकर गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने का सौदा तय किया था, जिसकी सारी रकम सीएम त्रिवेंद्र ने अपने कुटुंब के लोगों के खाते में ट्रांसफर करवाई। ट्रांसफर संबंधी लेन-देन व बैंकों में जमा कराई गई धनराशि की रसीदें भी सार्वजनिक हुई थी। रिश्वत की रकम लेने के बावजूद त्रिवेंद्र ने वादा पूरा नहीं किया। उक्त वादाखिलाफी से नाराज होकर रांची के एक भाजपा नेता ने सारी बातें मीडिया में सार्वजनिक कर दी थी व उक्त दलाली वह अन्य भ्रष्टाचार के स्टिंग एक समाचार चैनल के सीईओ द्वारा सार्वजनिक किए गए तथा इन खबरों को कुछ समाचार पत्रों के संपादकों ने भी प्रसारित किया, जिससे बौखलाए त्रिवेंद्र ने अपने भाई के द्वारा नेहरू कॉलोनी थाने में तहरीर देकर राजद्रोह आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया, जबकि मुकदमा इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ होना चाहिए था। नेगी ने कहा कि उक्त मामले में राजद्रोह तथा अन्य धाराओं से जुड़े मामले को खारिजध् समाप्त कराने के मामले वाली याचिका में न्यायालय ने मामले को (क्वैश) समाप्त कर दिया तथा दलाली प्रकरण से जुड़े सभी साक्ष्यों का स्वतः संज्ञान लेकर सीबीआई जांच का आदेश पारित किया। मोर्चा द्वारा दलाली प्रकरण में सीएम त्रिवेंद्र एवं उनके कुटुंब के खिलाफ कार्रवाई कराने को लेकर फरवरी 2019 में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से शिकायत की गई थी। मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि दलाली, रिश्वत एवं गैर जिम्मेदाराना कृत्यों के मामले में न्यायालय की भावनाओं का सम्मान करते हुए सीएम त्रिवेंद्र को तत्काल बर्खास्त करें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजय राम शर्मा, प्रवीण शर्मा पिन्नी आदि उपस्थित रहे।