-वर्ष 2021 को गढ़ भोज वर्ष के रूप मे मनाया जा रहा
-विस अध्यक्ष, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह व डीजीपी अशोक कुमार ने किया शुभारंभ
देहरादून। उत्तराखण्ड के पारम्परिक भोजन को पहचान व बाजार दिलाने के लिये हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी द्वारा वर्ष 2021 को गढ़ भोज वर्ष के रूप मे मनाया जा रहा है, जिसका शुभारंभ आज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राजपुर रोड स्थित बालिका इंटर कालेज में अयोजित कार्यक्रम में किया।
प्रथम सत्र में पधारे राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा की जाड़ी संस्थान द्वारा शुरू की गई मुहिम राज्य में स्वरोजगार का नया आयाम स्थापित करेगी साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराएगी। स्थानीय समुदाय और लोग इसकी खेती को प्रोत्साहित करेंगे उन्होंने इस प्रयास को सराहनीय प्रयास बताया और कहा कि हमारे सहकारिता या अन्य लाइन डिपार्टमेंट के माध्यम से जो भी सहयोग अभियान को चलाने के लिए चाहिए होगा वह हम अपने स्तर पर प्रदान करेंगे तदोपरांत राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में गढ़ भोज स्थानीय संसाधनों खाद्य श्रृंखला है उस को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस विभाग ने अभियान के साथ वर्ष 2020 में पूर्व में ही पुलिस विभाग की कैंटीन में शामिल किया था और अब पुरे राज्य की कैन्टीनो यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा उन्होंने संस्था और देहरादून के साथ जो अन्य सहयोगी संगठन हैं जो इस अभियान में जुड़े हैं उनको साधुवाद दिया कार्यक्रम के बीच बीच में गर्ल्स इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने अतिथियों के स्वागत में वंदना की और गीत गाए और छात्राओं ने पहाड़ की संस्कृति और पर्यावरण आधारित गीत भी सुनाए द्वितीय सत्र में वक्ताओं ने व्यक्त किए उन्होंने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय भोजन हमारे लिए सबसे पोषक भोजन है। गढ़भोज वर्ष 2021 अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर विधनसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा उद्बोधन से पूर्व दाल के पकोड़े बना कर अभियान का शुभारंभ किया। कहा उत्तराखंड की पारंपरिक फसलों के आधार पर तैयार किये गए भोजन को बाजार उपलब्ध हो एवं दैनिक जीवन के व्यवहार में हम इस भोजन को ला सकें इन उद्देश्यों को लेकर संस्थान द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित करना सराहनीय प्रयास है। मेरा मानना है कि जितनी पौष्टिकता हमारे पारंपरिक भोजन में है इतनी पौष्टिकता पाश्चात्य संस्कृति के जंक फूड में नहीं है। उन्हांेने कहा की जैसे वर्ष 2020 कोरोना के नाम से जाना जायेगा वैसे वर्ष 2021 गढ़ भोज वर्ष के नाम से जाना जायेगा। मेरी कोशिश होगी की मिड डे मिल व सभी सरकारी गैर-सरकारी कैटिनो मे सप्ताह के एक दिन आवश्यक रूप से गढ़ भोज परोसा जायेगा।कार्यक्रम की सफलता के लिए मैं आपको पुनः शुभकामनाएँ देता हूँ। गढ़ भोज अभियान के सूत्रधार द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की गढ़ भोज वर्ष 2021 के अवसर पर पुरे वर्ष भर जनजागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। कार्यक्रम के शुरुआत मे स्कूल की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई व द्वारिका प्रसाद सेमवाल द्वारा सभी अथितियो को शाल व गढ़ भोज किट देकर स्वागत किया गया। कार्यकम मे कार्यंकर्म के सहयोगी जे0 पी0मैठाणी आगाज फेडरेसन, कुसुम घिन्डियाल सिडसकार्य मे विकास पन्त, दिव्यन्सू, अभिषेक, मधावेंद्र रावत,प्रेम पंचोली, पवन नौटियाल,प्रेमलता बोडाई, टीका राम पंवार, देव सिंह पंवार सुबोधनी जोशी, विजय लक्ष्मी, हिमानी धवन, मीनाक्षी रावत, आशा पन्त, सुमन, देवेन्दर, अनिता नेगी, अलका विज्लवाण, नीलम थपलियाल आदि मौजूद रहे।