देहरादून। प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पर्यटन विभाग द्वारा धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए पूर्व में दी जाने वाली धनराशि को स्थानीय विधायकों की विधायक निधि में समायोजित किया जा चुका है। इसलिए आवेदक धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण से संबंधित अपना आवेदन पर्यटन विभाग को न भेजकर सीधे स्थानीय विधायक को ही प्रेषित करें।
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि विधायक निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में संशोधन के द्वारा 14 फरवरी 2014 को मंत्रिमंडल की बैठक में विधायक निधि योजना के अंतर्गत प्रति विधायक प्रति वर्ष पूर्व से निर्धारित 2.50 करोड़ की धनराशि में 25.00 लाख रुपए प्रति विधायक प्रतिवर्ष की वृद्धि करते हुए कुल 2.75 करोड़ प्रति विधायक प्रतिवर्ष यह जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। 17 फरवरी 2014 के शासनादेश के अनुसार कुल विधायक निधि 2.75 करोड़ में से 25.00 लाख की धनराशि धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु व्यय किये जाने का प्राविधान किया गया है। श्री महाराज ने बताया कि जानकारी के अभाव में उन्हें लगातार धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण हेतु प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आवेदन भेजे जाते रहे हैं जिसमें वह पर्यटन विभाग से धनराशि दिए जाने की मांग करते हैं। ऐसे में सभी आवेदकों को पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण हेतु पर्यटन विभाग को अपना आवेदन देने के बजाय वह इसके लिए स्थानीय विधायक से ही सम्पर्क करें। क्योंकि 17 फरवरी 2014 के शासनादेश में व्यवस्था दी गई है कि प्रत्येक विधायक की निधि से अतिरिक्त 25.00 लाख की धनराशि प्रतिवर्ष धार्मिक स्थलों के विकास, सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण हेतु व्यय की जा सकती है।