देहरादून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य एवं उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रे्रस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को कुंभ के सन्दर्भ में लगाई गई फटकार का स्वागत करते हुए कहा कि जबसे भाजपा सत्ता पर काबिज हुई है तब से लेकर आज तक यूटर्न सरकार बनकर रह गई है। पिछले 4 सालों से लगातार राज्य को उच्च न्यायालय संचालित करने का काम कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के कार्यकाल में हर फैसले को कई बार बदला गया चाहे आबकारी विभाग हो, कोरोनाकाल के दौरान जारी की गई एसओपी हो या कोई और हर बार लिये गये फैसलांे को बदलने की वजह से सीएमओ की विश्वसनीयता को भारी धक्का पहुंचा। दसौनी ने कहा कि जिस तरह से बिना सोचे विचारे नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ महापर्व को ओपन फाॅर आल कर दिया था वह एक महाप्रलय को आमंत्रण देने जैसा था। दसौनी ने कहा आज जब कोरोना संक्रमण दोबारा दस्तक दे चुका है और कई प्रदेशों में व्यापक स्तर पर फैल चुका है ऐसे में जहाॅ कुंभ के दौरान एक दिन में 50 लाख लोग स्नान करते हैं वहां राज्य सरकार द्वारा बिना कोरोना जाॅच रिपोर्ट के सबके लिए कुंभ को खोल देना प्रदेशहित में कतई नही है। दसौनी ने कहा कि इसलिए उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को टोकना लाजमी था।
उन्होंने कहा कि वैसे भी हरिद्वार में कोरोना को लेकर लापरवाही साफ देखी जा सकती है जिसे रोकने में राज्य सरकार नाकाम साबित हुई है। दसौनी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कुछ नया करने की जुगत मेें जल्दबाजी कर रहे हैं, उन्होेंने कहा कि कंुभ में लाखों की संख्या में श्रद्वालु हरिद्वार पहॅुचेगे ऐसे में राज्य सरकार की क्या तैयारियां हैं। सरकार ने अखाड़ों और सन्तों के साथ ही कंुभ नगरी के कारोबारियों को खुश करने के लिए कोरोना नगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता को समाप्त किया था सरकार के इस फैसले की आलोचना भी हुई थी सरकार सिर्फ तुष्टिकरण की नीति अपनाकर महामारी को देवभूमि में दावत दे रही थी लेकिन अब कोर्ट के इस फैसले से सरकार का करारा झटका लगा है।