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ग्रीनप्लाइ इंडस्ट्रीज का अपने पारखी उपभोक्ताओं के नवाचारी उत्पादों के प्रस्ताव पर जोर

देहरादून। ग्रीनप्लाइ इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी इंटीरियर इको-फ्रैंडली इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जिसे प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड्स, डेकोरेटिव वनीर्स,फ्लश डोर्स और अन्य संबद्ध उत्पादों की एक व्यापक श्रृंखला के उत्पादन में 30 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है। कंपनी ने हाल ही में घोषणा की है कि वह उत्तर प्रदेश में हरदोई के सांदिला इंडस्ट्रियल एरिया में अपने पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी के माध्यम से प्लाइवुड और संबद्ध उत्पादों की एक उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिये लगभग 75 करोड़ रूपये का निवेश करेगी। इस यूनिट की प्रस्तावित क्षमता 13.50 मिलियन वर्गमीटर प्रतिवर्ष की होगी, जबकि कंपनी की मौजूदा क्षमता 24.90 मिलियन वर्गमीटर प्रतिवर्ष है। ग्रीनप्लाइ ने ऐग्रो फॉरेस्ट्री टिम्बर जैसे मुख्य कच्चे माल की नजदीकी, श्रमिकों की उपलब्धता और भारत के उत्तरी तथा मध्य बाजारों में बढ़ती माँग को देखते हुए हरदोई में संयंत्र की स्थापना का फैसला किया है। वर्ष 2021-22 की चैथी तिमाही से इस नई परियोजना का परिचालन आरम्भ होने की आशा है।
ग्रीनप्लाइ को तिजित, नागालैण्ड में अपनी स्थायी प्लांटेशन यूनिट के लिये फॉरेस्ट स्टीवार्डशिप काउंसिल (एफएससी) से एफएससी-एफएम (फॉरेस्ट मैनेजमेंट) प्रमाणन भी मिला है, जिस पर कंपनी को गर्व है और यह पहली कंपनी है, जिसे भारत में इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में एफएससी-एफएम प्रमाणन मिला है। फॉरेस्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेशन से अब तिजित में ग्रीनप्लाइ इंडस्ट्रीज प्लांटेशन एरिया में फार्म मैनेजमेंट की स्थायी पद्धतियों का प्रसार और कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा, जिससे परियोजना से जुड़े स्थानीय समूह के सदस्यों की गुणवत्ता और आजीविका में सुधार होगा। ग्रीनप्लाइ इंडस्ट्रीज लिमिटेड का उद्देश्य यूकेलिप्टस, मेलिया, दुआबंगा, केनेरियम और टर्मिनेलिया जैसी तेजी से बढ़ने वाली प्रजातियों का शॉर्ट रोटेशन करने वाले छोटे किसानों द्वारा उगाये पेड़ों से लगातार और स्थायी आधार पर वैधानिक और जिम्मेदार तरीके से लकड़ी-आधारित कच्चा माल प्राप्त करना है। फॉरेस्ट मैनेजमेंट एरिया से प्राप्त होने वाली लकड़ी का शुरूआती इस्तेमाल ग्रीनप्लाइ इंडस्ट्रीज द्वारा प्लाइवुड और लकड़ी की अन्य चीजों के उत्पादन में अपनी खपत के लिये किया जाएगा। नागालैण्ड के मोन जिले में फार्म फॉरेस्ट्री प्रोजेक्ट का परिचालन वर्ष 2013 में शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 850 हेक्टेयर सीमान्तध्खराब जमीनों को कवर किया गया था और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिये यहां प्लांटेशन प्रोजेक्ट जारी रहेगा।

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