देहरादून। सीटू से संबद्ध आशा कार्यकत्री यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकर्त्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हाथीबडकला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया, जिस पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई। उसके बाद आशा कार्यकर्त्ता बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गईं।
संगठन की प्रदेश अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि सरकार आशा कार्यकर्ताओं से बहुत सारे काम ले रही है, लेकिन तीन साल से केंद्र व राज्य सरकार ने मासिक मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आशाओं को 10 हजार रुपये सम्मान राशि देने की घोषणा की थी। पर, इस पर भी अमल नहीं किया गया।
उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारियों की भांति समस्त सुविधा व मानदेय देने, स्वास्थ्य बीमा की परिधि में लाने, कार्य के दौरान मृत्यु होने पर आशा के परिवार को 50 लाख का बीमा और बीमार होने पर 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कोरोना काल में घर-घर जाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहीं आशा कर्यकर्ता को सुरक्षा उपकरण और फ्रंटलाइन वर्कर की भांति सम्मान व मानदेय, 45 व 46 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने की मांग दोहराई। आशाओं के सीएम आवास कूच के चलते राजपुर रोड पर काफी देर जाम की स्थिति रही। दिलाराम चौक से घंटाघर तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी। इसके अलावा हाथीबड़कला में भी ट्रैफिक सर्वे एस्टेट, नया गांव से डायवर्ट किया गया। इसके चलते जन सामान्य को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।