देहरादून। उत्तराखंड सूचना आयोेग ने उत्तराखंड शासन के दो अधिकारियों के विरूद्ध धारा 20 के अन्तर्गत पैैनल्टी तथा सेवा नियमोें केे अन्तर्गत कार्यवाही की सिफारिश करने की कार्यवाही करने के सम्बन्ध में उनका जवाब तलब किया हैै। सूचना आयुक्त एन.एस.नपलच्याल ने यह आदेश सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की उत्तराखंड शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग केे विरूद्ध की गयी अपील सं0 32486 में किया गया हैै।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के लोेक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड के राज्य उपभोक्ता आयोग तथा जिला उपभोक्ता फोरमों (अब उपभोक्ता आयोग) में अध्यक्ष सदस्यों के रिक्त पदों व उन्हें भरने हेतु कार्यवाही तथा इस सम्बन्ध में माननीय सुुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन के सम्बन्ध में सूचनायें मांगी। इस पर लोक सूचनाधिकारी/अनुसचिव ने रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध कराने के लिये तो सूचना प्रार्थना पत्र को निबंधक राज्य उपभोक्ता आयोग को हस्तांतरित कर दिया लेकिन शेष कार्यवाही आदि सभी बिन्दुओें की कोई सूचना नहीं उपलब्ध करायी। राज्य उपभोक्ता आयोेग के लोक सूचना अधिकारी ने रिक्त पदों की सूचना उपलब्ध करा दी लेकिन शासन से सम्बन्धित सूचना न उपलब्ध होेने पर श्री नदीम ने विभागीय अपीलीय अधिकारी को प्रथम अपील की जिस पर कोई कार्यवाही आदेश व निर्णय तथा सूचना न मिलने पर उत्तराखंड सूचना आयोग को द्वितीय अपील की।
श्री नदीम की द्वितीय अपील पर सुनवाई करते हुये सूचना आयुक्त एन.एस.नपलच्याल ने जहां आगामी सुनवाई से पूर्व वांछित सूचनायें उपलब्ध कराने का आदेेश दिया वहीं तत्कालीन लोक सूचनाधिकारी/अनुसचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अनुभाग-2 अनिल कुमार पाण्डे का स्पष्टीकरण मांगा कि वह स्पष्ट करे कि उनके द्वारा अपीलकर्ता को अनुरोध पत्र के क्रम में बिन्दु 3.1, 3.1.1, 3.1.2, 3.3, 3.5 व 3.7 के सम्बन्ध में सूचनायें अपीलार्थी को प्रेषित की गयी तथा यदि कोई सूचना उक्त बिन्दुआंे के सम्बन्ध में प्रेषित नहीं की गयी तो इस हेतु उनके विरूद्ध धारा 20(1) (पैैनल्टी) के अन्तर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाये। वर्तमान मे श्री पाण्डे उपसचिव, शिक्षा विभाग हैै, उन्हेें पक्षकार बनाकर आदेश कि प्रति उन्हें भी भेजी गयी हैै।
श्री नपलच्याल नेे अपनेे अंतरिम आदेश दिनांक 24-08-2021 से नंदन सिंह डुंगरियाल, तत्कालीन विभागीय अपीलीय अधिकारी/संयुक्त सचिव का भी जवाब तलब किया गया है। वह आयोग को यह स्पष्ट करेंगे कि उन्होंने निर्धारित समयान्तर्गत प्र्रथम अपील का निस्तारण क्यों नहीं किया गया तथा क्योें न उनके विरूद्ध सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 20(2) के अन्तर्गत विभागीय कार्यवाही की संस्तुति प्रेषित करने हेतु क्यों न कारण बताओें नोटिस जारी किया जाये। आदेश में यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि वर्तमान विभागीय अपीलीय अधिकारी अर्पण कुमार राजू तत्कालीन विभागीय अपीलीय अधिकारी नंदन सिंह डंुगरियाल को इस आदेश की प्रति तामील करायेेंगे। दोनों अधिकारी आगामी सुनवाई की तिथि 02 नवम्बर से पूर्व अपना स्पष्टीकरण आयोग को प्र्रेषित करेेंगे।