-हरीश रावत के स्टिंग साजिशकर्ता हरक को हाईकोर्ट से है नोटिस जारी
-श्रमिकों के नाम पर करोड़ों रुपए की लूट करने का भी है दाग
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हरक सिंह रावत जैसे महाभ्रष्टाचारी को पार्टी में लेने से पहले इनके भ्रष्टाचार एवं गुनाहों पर राजनीतिक दलों को गौर फरमाना चाहिए द्य इनके गुनाहों एवं भ्रष्टाचार की कांग्रेस-भाजपा सरकार ने समय रहते अगर सीबीआई/विजिलेंस जांच करा ली होती तो ये महाशय प्रदेश को न लूट पाते। नेगी ने कहा कि राजस्व मंत्री रहते हुए हरक सिंह ने सहसपुर विकासखंड के शंकरपुर में 107 बीघा जमीन फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए अपने करीबी के नाम करा अपनी पत्नी व एक करीबी के नाम रजिस्ट्री करवाई, जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) ने भूमि को सरकार में निहित कर इनके खिलाफ एफआई आर दर्ज करने का सुझाव दिया था तथा मोर्चा ने भी लगातार इनके द्वारा भूमि हड़पने मामले को जोर-शोर से उठाया था, लेकिन अपने घड़ीयाली आंसुओं के जरिए इनको तत्कालीन निशंक सरकार एवं हरीश रावत सरकार ने एक तरह से अभय दान दे दिया था। नेगी ने कहा कि तत्कालीन हरीश रावत सरकार के समय स्टिंग के साजिशकर्ता हरक सिंह के खिलाफ न्यायालय ने इनकी भी सीबीआई जांच के मामले में नोटिस जारी किया हुआ है। नेगी ने कहा कि श्रम मंत्री रहते हुए हरक सिंह ने अपनी करीबी दमयंती रावत को असंवैधानिक प्रतिनियुक्ति के माध्यम से कर्मकार कल्याण बोर्ड का सचिव बनाकर करोड़ों रुपए की लूट की तथा श्रमिकों को घटिया सामान थमाकर लूट डाला तथा इनकी वजह से ही निजी आयुष महा विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की फीस वृद्धि मामले में मा. उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी कई वर्षों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसका कष्ट छात्रों के परिजनों ने झेला ! नेगी ने कहा कि इनके परिजनों के एनजीओ के जरिए भी काफी लूट हुई। नेगी ने सभी राजनीतिक दलों को चेताया कि इनको पार्टी में लेने से पहले इनके भ्रष्टाचार पर भी नजर डालें, जिससे प्रदेश को लूटने से बचाया जा सके। पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा, मो. असद, भीम सिंह बिष्ट व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।