देहरादून। मतदान के बाद से उत्तराखण्ड भाजपा में लगातार उठापटक जारी है। भाजपा मंे चुनाव के दौरान भीतरघात को लेकर बवाल मचा हुआ है। जिसने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है। क्योंकि भाजपा विधायकों ने सीधे ही मदन कौशिक को अपना निशाना बनाया है। मंगलवार शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक दिल्ली पहुंचे और यहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उनकी मुलाकात को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। इससे पूर्व चूंकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड के पार्टी अध्यक्ष समेत कई नेताओं को दिल्ली तलब कर चुका है। इसलिए इन बैठकों के सियासी संकेत मिल रहे हैं। पिछले दिनों से उत्तराखंड बीजेपी में जिस तरह भितरघात के आरोप लगे और इन आरोपों में सीधे तौर पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का नाम आया, तो साफ माना जा रहा है कि पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है ओर वह भी 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने से पहले ही।
भारतीय जनता पार्टी में मतदान के बाद भितरघात के आरोपों को लेकर बवाल खड़ा हो चुका है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर पार्टी के विधायक ही जिस तरह से आरोपों की बौछार कर चुके हैं, उससे साफ तौर पर तय है कि पार्टी के भीतर खेमेबाज़ी चल रही है और सब कुछ तो ठीक ठाक नहीं है। राज्य के नेताओं के एक एक कर दिल्ली जाकर बैठकें करने को बीजेपी भले ही मतदान के बाद की समीक्षा बताए लेकिन असल जड़ में सत्ता में वापसी या सत्ता से बाहर होने की सूरत में पार्टी के भीतर होने वाला बदलाव है। चर्चा है कि सरकार बनने और न बनने, दोनों ही सूरतों में बीजेपी प्रदेश संगठन में बदलाव कर सकती है। सरकार बनी तो मदन कौशिक का मंत्री बनना तय है और नहीं बनी तो भी पार्टी संविधान के मुताबिक 2023 में संगठन के चुनाव होने ही हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, पार्टी में इसको लेकर हो रही लॉबिंग चर्चाओं में है।
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