देहरादून। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) ने भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान आजादी का अमृत महोत्सव, के तहत उत्तराखंड के निर्यातकों और व्यापारियों के लिए पैकेजिंग क्षमता निर्माण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन देहरादून में किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि सुधीर नौटियाल, निदेशक-डीआईसी, देहरादून, उत्तराखण्ड, राम नारायण, निदेशक -केवीआईसी, उत्तराखण्ड और पंकज गुप्ता, आईईए, उत्तराखण्ड विशिष्ट अतिथि रहे । इस कार्यशाला का स्वागत भाषण डॉ. माधब चक्रवर्ती, जेडी-भारतीय पैकेजिंग संस्थान, दिल्ली द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन श्री मूसा मलिक थुम्मा, डीडी-आईआईपी मुंबई द्वारा किया गया।
डॉ. माधब चक्रवर्ती, जे डी आईआईपी दिल्ली ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी मेहमानों का स्वागत किया और कार्यशाला के आयोजन में अपना बहुमूल्य समय और पूरा समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम ओएसएफपी (वन स्टेट फाइव प्रोडक्ट्स) के नवीनतम पैकेजिंग सामग्री और इसकेलिए उपयोग किए जाने वाले पैकेजों की सम्पुर्ण जानकारी देने के लिए आयोजित किया जा रहा है जिससे कि पैकेजिंग के क्षेत्र में ज्ञान और नई तकनीकों को उन्नत करने के लिए बेहतर समझ हो, जो उद्योग और इससे जुड़े पेशेवरों की मदद करेगा ताकि वे अपने कौशल से बेहतर और बेहतर उत्पादों को बनाने में सुधर करना सीख सके। मुख्य अतिथि सुधीर नौटियाल, निदेशक -डीआईसी, देहरादून, उत्तराखण्ड ने कहा कि पैकेजिंग ही किसी उत्पाद का पहला विक्रेता होता है। किसी भी प्रोडक्ट की पैकेजिंग देख कर ही ग्राहक उत्पाद की तरफ आकर्षित होते है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कारीगरों और उद्यमियों को पैकेजिंग के क्षेत्र में नवीनतम विकास के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और इसी के लिए हम जागरूकता पैदा करने के लिए नई निर्यात नीतियां लेकर आए हैं। हमें ऐस और कार्यशालाओं/कार्यक्रमों की जरूरत है, जिसके लिए हम अपना पूरा प्रयास कर रहे है ताकि भविष्य में और भी जागरूकता कार्यक्रम चलायें। इस कार्यशाला में तीन तकनीकी सत्र चलाये गए जिसमे खाद्य और खाद्य उत्पादों की पैकेजिंग, हथकरघा और हस्तशिल्प तथा पैकेजिंग के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और विकास से संबंधित विषयो पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला में विभिन्न उद्योगों से 100 से अधिक प्रतिभागी थे। इस अवसर पर डॉ. माधब चक्रवर्ती, जेडी-आईआईपी दिल्ली, डॉ. निलय कांति प्रमाणिक, डीडी-आईआईपी दिल्ली, मूसा मलिक थुम्मा, डीडी-आईआईपी मुंबई और तुषार बंद्योपाध्याय, एडी-आईआईपी दिल्ली अदि उपस्थित थे।
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