उधमसिंहनगर। केन्द्रीय कारागार सितारगंज के मैदान की खुदाई में 60 मोबाइल फोन, कई चार्जर और बैटरियां बरामद होने से हड़कंप मच गया हैं। कारागार अधीक्षक की ओर से इस मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया है। जांच होगी कि जेल में मेाबाइल कैसे पहुंचे और इनका उपयोग किस किस ने किया है।
उत्तराखण्ड की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी चाक चैबंद है इसकी बानगी बीती रात सितारंगज जेल में सामने आयी है। बताया जा रहा है कि जेल में मोबाइल फोन प्रयोग के संदेह होने पर केन्द्रीय कारागार अधीक्षक अनुराग मलिक ने एक टीम का गठन जेल में छापेमारी के लिए किया था। टीम ने रात करीब 11 बजे कारागार की सभी बैरेकों की तलाशी ली लेकिन वहंा कुछ संदिग्ध वस्तु नही पायी गयी। लेकिन जब टीम ने समीप के ही मैदान की भी खुदाई की गयी तो गड्ढे में दबाकर रखे गये 60 मोबाइल फोन, कुछ चार्जर व बैटरियां बरामद हुईं। सितारगंज जेल में इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल फोन मिलने से हड़कंप मच गया। कारागार अधीक्षक मलिक ने इस मामले में कोतवाली सितारगंज में मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा गया है कि मोबाइल फोन से किसी के द्वारा कोई अवैध कार्य तो नहीं किया गया है, इसकी जांच की जाए। पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल सम्बन्धित धाराओ ंमें मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सितारगंज जेल में कुछ समय पहले तीन फोन बरामद हुए थे। जिसके बाद जेल अधीक्षक द्वारा इस सम्बन्ध में जांच की बात कही गयी थी। यहंा यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य की जेलों में इन दिनों कई गैंग सक्रिय है। पिछले कुछ समय पहले एसटीएफ ने राज्य की कई जेलों से गैंग आपरेट करने का भंडाफोड़ करते हुए कई बदमाशों के खिलाफ कार्यवाही की गयी थी। बहरहाल जेल में तलाशी लेने वाली टीम में बंदी रक्षक अरविंद कुमार, राम सिंह कपकोटी, अनुज कुमार, निखिल पाराशर, प्रकाश कुंवर, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सूरज गोस्वामी, राम गिरी, प्रवीण बेलवाल, दीपक भटृ, ललित नेगी, महिपाल कोरंगा, प्रभु सिंह आदि शामिल रहे।
previous post