देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किरण नेगी और अंकिता भंडारी (अनामिका) हत्याकांड के मामले में केंद्र और राज्य सरकार की लचर पैरवी पर कड़ी नाराजगी का इजहार करते हुए इसे एक करोड़ उत्तराखंडियों का अपमान बताया है। हरीश रावत आज दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रमुख उत्तराखंडियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में जिसमें प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हरिपाल रावत उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत मशहूर पत्रकार कुशाल जीना, सुनील कुमार, प्रमोद शर्मा, देवेंद्र सिंह रावत, श्रीकांत भाटिया, अनिल पंत शामिल थे सभी नेताओं ने राज्य सरकार कि इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने में विफलता पर गहरी नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने इस संबंध में भारत के कानून मंत्री किरण रिजूजी का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड से चुने आठोें सांसदों से भी 8 दिसंबर से शुरु हो रहे संसद सत्र में इस मामले में आवाज उठाने की अपील की और कहा कि उनका मूकदर्शक रहना आज उत्तराखंड की जनता के लिए चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने राज्य विधानसभा का सत्र मात्र 2 दिनों में समाप्त किए जाने को भी राज्य सरकार की मातृशक्ति के अपमान की घटनाओं से राज्य विधानसभा में होने वाले विरोध का सामना ना करने की हिम्मत को इसका मुख्य कारण बताया।