नैनीताल। एसएसबी स्वयं सेवक कल्याण समिति द्वारा नौकरी-पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर तल्लीताल डाँठ में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान मांग पूरी न होने पर चार धाम यात्रा व 4 मई से प्रस्तावित कैलाश मानसरोवर यात्रा का विरोध करने की चेतावनी दी गई है।
इस बीच तल्लीताल में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। बता दे कि बुधवार को तल्लीताल डाँठ में एकत्रित होकर एसएसबी स्वयं सेवक कल्याण समिति द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा कि 9 मई 2011 को एसएसबी गोरिल्लों के समायोजन के लिए प्रस्ताव पर कार्यवाही की मांग की गई थी लेकिन अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। कहा की सन 1962 में भारत चीन युद्ध से सबक लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को देश की सीमाओं को सुरक्षा से जोडने के उद्देश्य से तैयार किए गए गोरिल्लों की शुरुआत की गई थी लेकिन शुरुआत से ही गोरील्ले छलावे का शिकार होते आए हैं। गोरिल्ला प्रशिक्षण प्राप्त कर देश सेवा का संकल्प लेने वाले गोरिल्लों से उनकी युवावस्था में निःशुल्क सेवा ली गई थी। अब बुढ़ापे में भी उन्हें कोई सहायता नहीं दी गई। जबकि सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा संबंधी कार्यों में अभी भी गोरिल्ला युक्त सीमा सुरक्षा प्रणाली का उपयोग कर सरकार आतंकवाद, नक्सलवाद सीमा में घुसपैठ बाहरी देशों से नक्शे की तस्करी पर रोक लगा सकती है। लेकिन देश सुरक्षा सलाहकारों द्वारा इस अचूक सुरक्षा प्रणाली के उपयोग पर विचार न करना आश्चर्यजनक है। कहा कि 17 वर्षों के आंदोलन के बाद भी सरकार द्वारा गोरिल्लों की मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसको लेकर नैनीताल जिले के समस्त एसएसबी स्वयं सेवक कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की गई है। एसएसबी गुजरात संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बर्मानंद डालाकोटी ने बताया कि एसएसबी स्वयंसेवक कल्याण समिति द्वारा अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में अब धीरे-धीरे गोरिल्लों की संख्या कम होती जा रही है ऐसी स्थिति में कभी हाईकोर्ट कभी सुप्रीम कोर्ट के नाम सीधे-साधे गोरिल्लों से धन ऐंठने के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसलिए उत्तराखंड में गोरिल्लों ने चार धाम यात्रा मार्ग से जाम लगाने के साथ ही आगामी 4 मई को कुमाऊँ मंडल विकास निगम द्वारा आयोजित आदि कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोकने जैसा निर्णय लिया गया है। अगर जल्दी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आगे भी इस तरीके का आंदोलन जारी रखेंगे।
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