देहरादून। कांग्रेस के विधायकों पर लगातार बयानबाजी कर रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने जमकर हमला बोला है। दसौनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से पूछा कि अपने 2 साल के कार्यकाल में महेंद्र भट्ट बताएं कि उन्होंने अपने कितने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, पार्षदों और विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की है? दसौनी ने कहा कि भाजपा के 6 पार्षदों ने अंसल ग्रीन वैली में एक व्यापारी प्रवीण भारद्वाज के घर पर हमला बोल दिया, उसकी पत्नी को बालों से खींच कर सड़क पर घसीटते हुए लाया गया और तो और एक पार्षद द्वारा बोतल में पेट्रोल तक ले जाया गया भारद्वाज के घर पर तोड़ फोड़ की गई जिसकी वजह से आज तक पूरा भारद्वाज परिवार सदमे में है पार्षदों पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई और उल्टा 307 का मुकदमा प्रवीण भारद्वाज पर ही कर दिया गया। दसोनी ने कहा महेंद्र भट्ट बताएं की उन्होंने इस पूरे विभत्स प्रकरण की किस स्तर पर जांच करवाई और कितनों पर कार्यवाही करी। उसके अलावा पूरे उत्तराखंड को शर्मसार करने वाला प्रकरण दसौनी ने महेंद्र भट्ट को याद दिलाते हुए कहा की काबिनामंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सरेआम गुंडागर्दी करते हुए अपने गनर के साथ एक कार्यकर्ता की जमकर धुलाई कर दी,भाजपा संगठन ने क्या एक्शन लिया प्रेमचंद अग्रवाल पर।
वहीं तीसरा प्रकरण याद दिलाते हुए दसोनी ने पूछा की मंत्री गणेश जोशी की उपस्थिति में उनके कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति की बुरी तरह से पिटाई कर दी क्या एक्शन लिया महेंद्र भट्ट ने?? दसौनी ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा की एक पदाधिकारी एक एनआरआई की हत्या और जबरन दाह संस्कार में आरोपि हैं, क्या उस प्रकरण की जांच करवाई महेंद्र भट्ट ने ?क्या निष्कासित किया उस महिला नेत्री को। दसौनी ने कहा कि विपक्ष के किसी भी विधायक या पदाधिकारी के संबंध में जुबान खोलने से पहले महेंद्र भट्ट अपने गिरेबान में झांके की क्या प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष उन्हें अपनी कुर्सी गर्म करने के लिए और अपने नेताओं की परिक्रमा उनका गुणगान करने के लिए बनाया गया है या फिर पार्टी के अंदर अनुशासन कायम करने के लिए? दसौनी ने अंकिता भंडारी की प्रथम पुण्यतिथि पर भी भाजपा द्वारा कोई श्रद्धांजलि कार्यक्रम ना रखे जाने पर महेंद्र भट्ट और भाजपा को जमकर घेरा। दसौनी ने कहा कि अंकिता भंडारी उत्तराखंड की बेटी थी उसके साथ अन्याय हुआ अत्याचार हुआ और उसके बाद उसको बेरहमी से भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री के सुपुत्र के द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया।
अफसोस की बात है की पिछले 1 साल में तो भाजपा के किसी पदाधिकारी ने अंकिता के लिए न्याय की मांग नहीं की लेकिन उस मासूम बच्ची की पुण्यतिथि से भी भाजपा को आखिर क्या बेर था ?दसौनी ने कहा कि भाजपा की महिला मोर्चा युवा मोर्चा या कोई भी फ्रंटल संगठन के किसी भी सदस्य ने अंकिता को एक दिया जलाकर श्रद्धांजलि देने लायक नहीं समझा तो क्या इसका मतलब यह समझा जाए कि समूची भाजपा विनोद आर्य पुलकित आर्य और अंकित आर्य के साथ है और बाकी उत्तराखंड अंकिता भंडारी के साथ। उल्टा जिन लोगों ने अंकिता को अश्वपूर्ण और भावभीनी श्रद्धांजलि दी महेंद्र भट्ट उन्हें पर लांछन लगाने का काम कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि अपनी इसी छोटी और कुत्सित मानसिकता की वजह से आज भाजपा उत्तराखंड में पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है।
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