मेरठ- पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक पवन कुमार का प्रदेश सरकार ने बुधवार को तबादला कर दिया। उनकी दो महीने पहले ही एमडी पद पर तैनाती हुई थी। दो महीने के अल्पकाल में ही उन्होंने उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए कई योजनाएं लागू कराई।
पवन कुमार ने एमडी का पद संभालते ही सबसे पहले उपभोक्ताओं की समस्याएं और निर्बाध बिजली आपूर्ति में आ रही दिक्कतों को जाना था। इसके बाद उन्होंने औचक बिजलीघरों का निरीक्षण शुरू कर दिया था। पश्चिमाञ्चल के हर जोन मैं निर्माणाधीन बिजली घरों का निरीक्षण कर निर्माण कार्य में प्रयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता की जांच की । कई जगह गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके अलावा पश्चिमाञ्चल में ट्रांसफार्मरों के अत्यधिक खराब होने की शिकायत पर उन्होंने ट्रांसफार्मरों की सैंपलिंग कराई। इसमें पश्चिमाञ्चल को आपूर्ति किए जाने वाले ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता खराब मिलने पर में तीन कंपनियों को डिबार किया।
इसके अलावा पश्चिमाञ्चल में मीटर रीडर की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए बिलिंग एजेंसी को निर्देश दिए कि मीटर रीडर उपभोक्ताओं को हर महीने समय से मीटर रीडिंग का बिल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई कराई जाएगी । साथ ही अफसरों को इसकी जांच के लिए उपभोक्ताओं से फोन पर बात करने और उपभोक्ताओं के घर जाकर बात करने को भी कहा था।
इसके अलावा नोएडा में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए 5 योजनाएं पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कराई । बाद में इन सभी योजनाओं को पश्चिमाञ्चल के अन्य जिलों में भी शुरू कराया जाना था। हालांकि पवन कुमार से पहले तैनात रहे एमडी अभिषेक प्रकाश ने भी पीवीवीएनएल को प्रदेश भर में पहले नंबर पर रखा था। इसी तरह उनके बाद एमडी रहते हुए दो महीने में पवन कुमार ने भी उपभोक्ताओं और डिस्कॉम के हित को सर्वोपरि रखते हुए कई कार्य किए। रिपोर्ट- सालिम अहमद
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