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शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया राष्ट्रीय विश्वविद्यालय सिंगापुर का भ्रमण

देहरादून। सूबे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली विकसित करने के दृष्टिगत प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय दल सिंगापुर के शैक्षणिक भ्रमण पर है। जहाँ पर शैक्षणिक दल ने सिंगापुर के शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों के भ्रमण कर वहाँ की शैक्षणिक प्रणाली से अवगत हुये। सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सिंगापुर का शिक्षा मॉडल दुनिया के बेहतर शिक्षा प्रणाली में से एक है। डॉ रावत ने बताया कि उन्होंने आज विभागीय अधिकारियों के साथ सिंगापुर के शिक्षा मंत्रालय सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों व विद्यालयों का भ्रमण किया। इस दौरान सिंगापुर के शिक्षा मंत्रालय में वहां के शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर सिंगापुर की शिक्षा प्रणाली के बारे में जानकारी ली साथ ही शिक्षा से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया
उन्होंने बताया कि बैठक में पाठ्यक्रम योजना एवं विकास के निदेशक ओंग कोंग होंग ने सिंगापुर के शैक्षिक पाठ्यक्रम, आंकलन मूल्य शिक्षा, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षिक आंकलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही विद्यालय स्तर पर प्री-प्राइमरी, प्राइमरी, सेकेंडरी शिक्षा, विशेष शिक्षा और विद्यालयों के संचालन को लेकर विभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण दिया। विभागीय मंत्री ने बताया कि इसके उपरांत आज विभागीय अधिकारियों के साथ सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का भ्रमण किया जहां पर प्रोफेसर बर्नार्ड तआंग व प्रोफेसर चौधरी ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों और नवाचारों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों एवं शिक्षकों से मिलकर शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही, वहां अध्ययनरत शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद कर उनके पठन-पाठन, शोध कार्यों और अनुभवों के बारे में भी जाना।
डॉ रावत ने बताया कि यह विश्वविद्यालय सिंगापुर का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और एशिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में गिना जाता है। इसकी प्रगति और गुणवत्ता विश्व स्तरीय शिक्षा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि भारतीय छात्रों को सिंगापुर में अध्ययन के लिए विशेष स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है, जो दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सहयोग और अवसरों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ रावत ने कहा सिंगापुर के एडुकेशन मॉडल से प्रेरणा लेकर राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर फोकस किया जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये जायेंगे। शैक्षणिक भ्रमण दल में सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीइआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एससीइआरटी अजय कुमार नौडियाल, संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी, उप परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अजित सिंह, बी.पी. मंदोली, विवेक पंवार, भुवनेश्वर प्रसाद, डॉ दीपक प्रताप शामिल हैं।

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सीएम ने डीआरडीओ के 500 बेड के कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया -कोरोना मरीजों के उपचार में जुटे स्वास्थ कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर सहमति जताई देहरादून/हल्द्वानी, आजखबर। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हल्द्वानी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कोविड की रोकथाम और इसके मरीजों के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सबसे पहले एमबी पीजी कालेज में पहुंचकर उन्होंने कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। मिनी स्टेडियम पहुंचकर वहां बनाए गए कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और फिर डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय और उसके परिसर में डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे 500 बेड के कोविड अस्पताल का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना मरीजों के उपचार में जुटे स्वास्थ कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर सहमति जताई। एक के बाद एक अस्पतालों का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी पूरी तनमयता के साथ कोविड के मरीजों के उपचार में जुटे हैं, जिन पर हम सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम और मरीजों के उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अस्पतालों में किसी भी स्रोत से नए चिकित्सकों की तैनाती करें। इसके लिए सरकार पूरा धन उपलब्ध करवाएगी। सरकार ने इस सम्बंध में सम्बंधित अधिकारियों को पूरे अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के उपचार में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कितनी राशि दी जाएगी इस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा। अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे इन कर्मियों के हौसले में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना टीके के 3 लाख से अधिक खुराक उत्तराखण्ड को उपलब्ध हो चुकी हैं। आगे भी खुराक समय पर मंगवाने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी गई है। 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के व्यक्तियों के टीकाकरण अभियान में अब कोई अवरोध नहीं आने दिया जाएगा। अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण से ही कोरोना के संक्रमण पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के परिसर में डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे 500 बेड के कोविड अस्पताल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि निर्माण और तेजी गति से किया जाए। ताकि इसका लाभ जल्दी से जल्दी मरीजों को मिल सके। इस आईसीयू सुविधा से युक्त इस अस्पताल के निर्माण के लिए उन्होंने केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार जताया।

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