देहरादून (UK Review)वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिन पर राज्य की 18 महिलाओं और युवतियों को विभिन्न क्षेत्र में दिए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे पर बात रखते हुए कहा कि बेटियां खुशनसीब वालों के घर में होती हैं। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध पर जागरुक समाज को नजर रखनी होगी, इस बुराई के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि जिस प्रकार से हमारे उत्तराखंड की की गौरवशाली वीरांगना तीलू रौतेली इतिहास रहा , ठीक आज भी प्रदेश की महिला शशक्त व कर्मठ है , और वह कठिन से कठिन काम करने से भी नहीं चुकती है | उन्होंने यह भी कहा की ऐसे ही हम पुरस्कार देकर प्रोत्साहन व मनोबल बढ़ाते है उन्होंने कहा कि महिला अपराधों पर समाज की चुप्पी सबसे अखरने वाली बात है। उन्होंने कहा कि यह कैसा समाज है जो एक तरफ कन्या को दुर्गारूप में पूजता है, दूसरी तरफ उस दुर्गा को कोख में ही मार देता है। समाज के इस दोहरे चरित्र को उजागर करना होगा। उन्होंने कहा कि तीलू रौतेली पुरसकार राज्य की महिला शक्ति की कर्मठता का सम्मान है। कार्यक्रम का संचालन अंजू बडोला ने किया। पुरस्कार के तहत 21 हजार की धनराशि, प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
इन्हें मिला पुरस्कार
अल्मोड़ा – गीता देवी, गंगा बिष्ट
बागेश्वर – कुमारी विशाखा
चंपावत – सीमा देवी
देहरादून – नीरजा गोयल, कुमारी मिताली शाह, आशा कोठारी
पिथौरागढ़ – लक्ष्मी भट्ट, सुश्री खीमा जेठी
हरिद्वार – बेबी नाज
नैनीताल – कनक चंद, समृद्धि बहुगुणा, मुन्नी देवी
उत्तरकाशी – शांति ठाकुर
यूएसनगर – डॉ. ज्योति गांधी, कुमारी पूजा
विशेष पुरस्कार – डॉ. रजनीश बत्रा यूएसनगर और नूतन वशिष्ठ रुद्रप्रयाग
18 महिलाओं-युवतियों को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार