उत्तराखण्ड धर्म

बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, इस बार रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह 8.30 बजे से शुरू हो गई थी। सबसे पहले मां गंगा का मुकुट उतारा गया। इसके बाद निर्वाण दर्शन किए गए। वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की गई। पूजा के बाद 11.40 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद 11.55 बजे गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया गया।

डोली यात्रा मुखबा मार्कण्डेय के निकट देवी मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी और मंगलवार को मां गंगा की भोग मूर्ति को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में स्थापित किया जाएगा। वहीं, भैयादूज पर 29 अक्तूबर को यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

29 अक्तूबर को ही केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 8:30 बजे बंद होंगे। इसके बाद बाबा की डोली को पहले पड़ाव रामपुर पहुंचाया जाएगा। 17 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

इस बार रिकार्ड संख्या में पहुंचे तीर्थयात्री

चार धाम यात्रा के प्रति लोगों में बढ़ती आस्था और चाक चौबंद यात्रा व्यवस्थाओं के चलते इस बार यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे।

बीते वर्षों से अब तक वर्ष 2011 में सर्वाधिक 9,47,259 तीर्थयात्री इन धामों तक पहुंचे थे, जबकि इस बार कपाट बंद होने से तीन दिन पहले ही 9,93,314 तीर्थयात्री यमुनोत्री एवं गंगोत्री की यात्रा कर चुके हैं। इसमें 5,27,742 यात्री गंगोत्री और 4,65,572 यात्री यमुनोत्री पहुंचे हैं। बीच में वर्ष 2012-13 की आपदा के बाद यात्रा में भारी गिरावट आ गई थी।

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