देहरादून, UKR। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से स्थानीय किसानों और उत्पादकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। जिन ग्रोथ सेंटर में सम्भव हो, वहां काॅमन सर्विस सेंटर भी खोले जाएं। ग्रोथ सेंटरों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रेाथ सेंटरों के आसपास की आर्थिकी में सुधार दिखना चाहिए। सभी ग्रेाथ सेंटरों का एक केंद्रीकृत पोर्टल बनाया जाए। इन्हें ई-नाम से भी जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री, सचिवालय में ग्रोथ सेंटर योजना की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे अधिक ध्यान उत्पादों की मार्केंटिंग पर दिए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि उत्पादन भी इसके अनुसार हो। मत्स्य में अपार सम्भावनाएं हैं। पहाड़ से मछली को शहरों तक पहुंचाने के लिए फ्रिज वैन की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादों के जैविक प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी की जाए। किसानों से उनके उत्पादों की बिक्री के लिएकम्पनियों के साथ कान्टेªक्ट कराया जाए ताकि किसानों को कीमत संबंधी निश्ंिचतता हो सके। प्रदेश में कीवी के उत्पादन की सम्भावना का अध्ययन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्रेाथ सेंटरों का एक केंद्रीकृत पोर्टल बनाया जाए। इन्हें ई-नाम से भी जोड़ा जा सकता है। ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों का फीडबैक और सुझाव लिये जाएं। प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि अभी तक 83 ग्रोथ सेंटरों का स्वीकृति दी गई है। इनमें से 75 को धनराशि निर्गत की जा चुकी है। शेष 08 ग्रोथ सेंटर को जल्द ही धनराशि निर्गत कर दी जाएगी। बहुत से ग्रेाथ सेंटरों पर काम भी शुरू किया जा चुका है। इनमें पिथौरागढ में 9, बागेश्वर में 9, अल्मोड़ा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 1, उधमसिंहनगर में 3, चमोली में 17, रूद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 6, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर मंजूर किए गए हैं। कुल 1135 लाख रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। इनमें डेयरी विकास विभाग के 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के 27, उत्तराखण्ड भेड़ व ऊन विकास बोर्ड के 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी के 2, एनआरएलएम के 14, जलागम के 7, मत्स्य के 11 और कृषि, उद्यान, एमएसएमई के लिए जनपदों के 08 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं।
डेयरी विभाग अन्तर्गत बागेश्वर के कमेड़ी, रूद्रप्रयाग के सुमाड़ी, चमोली के जखोला और देहरादून के लाखामण्डल में कुल 04 ग्रोथ सेन्टर स्वीकृत किये गये है, जिनके माध्यम से बद्री गाय के दूध व दुग्ध पदार्थो को तैयार कर दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के अंतर्गत बेकरी, प्रसाद, फल एवं मसालों में वेल्यु एडीशन, यूरोपियन सब्जियां, मधुमक्खी पालन, वेस्ट फ्लावार वेल्यु एडीशन आदि के एग्रो बिजनेस ग्रोथ सेंटर शुरू किए गए हैं।
एरोमा इनोवेटिव एग्रोबिजनेस ग्रोथ सेंटर के लिए सेंटर फार एरोमटिक प्लांट सेलाकुई द्वारा उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में डेमस्क रोज की नर्सरियां तैयार की जा रही हैं। उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा दुगड्डा में फलोत्पाद, हरिद्वार के बहादराबाद में प्रसाद यूनिट, पिथौरागढ़ के बेरीनाग में बेकरी, बिस्किट, बागेश्वर के कपकोट में मसाले व अदरक, चम्पावत के लोहाघाट में लोहे के बर्तन, देहरादून के थानो में एलईडी, नैनीताल के कोटाबाग में एलईडी, ऊधमसिंहनगर के बेकरी व बिस्किट यूनिट, टिहरी के हिंडोलाखाल में मसाले व अदरक यूनिट प्रारम्भ की गई हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में ऊन ग्रोथ सेंटर शुरू किए गए हैं। मत्स्य विभाग के अंतर्गत चमोली के अंतर्गत मण्डल, तांगला व ल्वाणी, रूद्रप्रयाग के गैहड़, टिहरी के सीताकोट, उत्तरकाशी के लाकुड़ी बागेश्वर के जगथाना, पिथौरागढ़ के बूंग बूंग, हरिद्वार के थीथकी क्वादपुर, चैली शहाबुद्वीन, बाॅसखेड़ा खुर्द में ग्रोथ सेंटर बनाए गए हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।