टिहरी। हेवल नदी की धारा को निरंतर बनाये रखने को पुर्नोद्धार व पुनर्जीवन को लेकर डीएफओ नरेंद्रनगर धर्म सिंह मीणा ने जिला सभागार में डीएम की मौजूदगी में प्रोजेक्ट के माध्यम से दीर्घावधि कार्ययोजना प्रस्तुत की। जिसमें रेखीय विभागों से भी शामिल करने की अपील की गई। प्रोजेक्ट को लेकर डीएम डाघ् वी षणमुगम ने कहा कि सभी विभाग इस प्रोजेक्ट से जुड़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
हिमालय व पर्यावरण संरक्षण को यह लेकर यह बेहतर प्रयास होगा। डीएमएफ धर्म सिंह मीणा ने कार्ययोजना का प्रेजेन्टेशन करते हुये बताया कि हेवल नदी पुरी तरह से वन आधारित नदी है। जो लगभग 27 धाराओं से मिलकर पानी देती है। सुरकंडा से निकलने वाली यह नदी बांज-बुरांश के वन से निकलती है। जमीन के भीतर से निकलने वाले नालों से इसका प्रवाह है। वाटर कमीशन व नीती आयोग की सिफारिशों के तहत इस नदी के संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की गई है। वन आधारित नदियों का अस्तित्व नये निर्माणों व सड़कों के लिए किये जा रहे कटान कार्यों के कारण नालों के ठप हो जाने से खत्म हो रहा है। इसलिए हेवल नदी का संरक्षण बेहद जरूरी है। इसके लिए दीर्घकालिक योजना तैयार की गई है। जिसमें रेखीय विभागों को अपनी भूमिका तत्परता से अदा करनी है। आने वाले समय में इस योजना का लाभ हेवल नदी को बेहतर बनाने में होगा। यह नदी पेयजल के साथ ही मत्स्य पालन, कृषि व नदी पर आधारित गतिविधियों के बचाने व बढ़ाने में अहम होगी। बैठक में सीडीओ अभिषेक रूहेला, एडीएम शिवरचरण द्विवेदी, ईई सतीश नौटियाल, ईई अतुल पाठक, डीडीओ, आनंद भाकुनी, सीएमओ डा मीनू रावत आदि मौजूद रहे।
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