शिफन कोट से हटाए गये लोगों को लेकर खोला है दोनों ने मोर्चा
देहरादून। मसूरी के शिफन कोट के विस्थापितों को लेकर उत्तराखण्ड क्रांति दल और आम आदमी पार्टी आमने सामने हैं। मुद्दा दोनों का एक है लेकिन मंच अलग अलग। लड़ाई इन विस्थापितों के लिए है या फिर अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए,यह दिगर बात है।
मसूरी में प्रशासन द्वारा शिफन कोट से अवैध कब्जाधारियों को हटा कर वहां बने मकान आदि को तोड़ दिया गया था। जिसके बाद से लोग जहां-तहां शरण लिए हुए हैं। इनमें से पात्र लोगों को तो थोड़ी राहत मिल गई लेकिन अन्य लोग अभी भी सरकारी मदद के इंतजार में हैं। इन लोगों को लेकर आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल लगातार मसूरी में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों से जुड़े लोगों की संख्या कम है लेकिन आवाज बुलंद करने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। शिफन कोट से हटाए गए लोगों को लेकर सड़कों पर उतर कर दोनों ही पार्टियों के लोग इनके लिये सर छुपाने के लिए जगह उपलब्ध कराने की मंाग कर रहे हैं। दोनों ही राजनैतिक दल एक ही मामले को लेकर प्रशासन और सरकार से लड़ रहे हैं लेकिन अलग-अलग। आखिर सवाल अपना वर्चस्व बढ़ाने का जो है।
उत्तराखण्ड क्रांति दल जहां वर्षों से प्रदेश में अपने उखड़ते पैरों को जमाने की कोशिश में जुटा हुआ है वहीं आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली के बाद उत्तराखण्ड का रूख कर यहां अपनी पैठ बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता किसी भी तरह आगामी चुनाव से पहले अपने जनाधार को बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इसी तरह से मुद्दों को उठा कर जनता के बीच अपनी पैठ बनाने का प्रयास इन पार्टियों द्वारा किया जा रहा है।