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इन डॉक्टर सावन पंवार ने हरिद्वार जिले में तैनाती के दौरान 2018 में बहादराबाद पोल्ट्री फार्म के 647 मुर्गे-मुर्गियों व 5000 अंडे बेचे। इस बिक्री से मिले 2 लाख 14 हजार 100 रुपए सरकारी खजाने में जमा नही किये। मुर्गे व अंडे बेचे जाने के इस चर्चित मामले में विभाग ने 9 अगस्त 2018 से डॉक्टर पंवार को पत्रों के जरिये उक्त धनराशि राजकीय कोष में जमा करने के निर्देश दिए। लेकिन डॉक्टर पंवार ने सरकारी खजाने में पैसा जमा नही किया। नतीजतन नौ महीने तक चले लम्बे पत्राचार के बाद 29 मई 2019 को देवाल में तैनात डॉक्टर पंवार का वेतन रोक दिया गया। डॉक्टर पंवार से वसूली की यह प्रक्रिया दो साल बाद अभी भी भूल भुलैया में चक्कर काट रही है। बहुत हील हुज्जत के बाद ढाई लाख में से आधी धनराशि सरकारी खजाने में जमा किये जाने की चर्चा है। शेष धनराशि अभी भी जमा नही की।