देहरादून। बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और विभागीय निदेशक के बीच विवाद के बाद अब उत्तराखंड में अधिकारियों के वार्षिक चरित्र पंजिका (सीआर) में मंत्रियों के हस्तक्षेप की चर्चाएं तेज हो गईं हैं। इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने चर्चा का नया विषय छेड़ दिया है। सतपाल महाराज ने कहा कि मंत्रियों को अधिकारियों की सीआर यानी वार्षिक चरित्र पंजिका भरने का अधिकार होना चाहिए। जिसके बाद इस पर प्रतिक्रियाएं आनीं शुरू हो गईं हैं।
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने मंत्रियों द्वारा अधिकारियों के वार्षिक चरित्र पंजिका भरे जाने की बात स्वीकार की थी। शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने भी इस बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर से विभागीय अधिकारियों के सीआर में मंत्री को प्रतिकूल प्रविष्टि करने का अधिकार होना चाहिए। ताकि अधिकारियों में जनप्रतिनिधि के प्रति जवाबदेही बनी रहे। रेखा आर्य और बाल विकास विभाग के निदेशक वी.षणमुगम के विवाद में कई विधायकों और मंत्रियों के बयान सामने आए हैं। इस विवाद पर जहां विपक्ष चुटकी ले रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि इसे बेलगाम होते अधिकारियों का एक उदाहरण के रूप में पेश कर रहे हैं।
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