हेलीकोप्टर दुर्घटना में शहीद सी डी एस जनरल विपिन रावत और अन्य शहीद जांबाजों की स्मृति में सामाजिक संगठन धाद ने रविवार को स्मृतिवन में पौधरोपण और शोकसभा का आयोजन किया। स्मृतिवन मालदेवता में इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी अनिल भारती, कर्नल जितेन्द्र नेगी, सुप्रसिद्ध आर्किटेक्ट टी एस असवाल, कर्नल महाबीर सिंह रावत,कौथिग फाउंडेशन मुम्बई के केशर सिंह बिष्ट धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानि और सचिव तन्मय ममगाईं, सुरेश भट्ट, नरेंद्र नेगी ने सामूहिक रूप जनरल रावत की स्मृति में कदंब का पौधा रोपित किया। हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (पायलट), स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह (को-पायलट), जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, ए प्रदापी, हवलदार सतपाल राय, नायकगुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवक कुमार एवं लांस नायक बी साई तेजा के निमित्त नीलमोहर का पौधा नीना रावत शोभा रतूडी शांति बिंजोला उषा गुसाई बीना कण्डारी प्रभा जुयाल और अन्य साथियो ने रोपित किया।धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानि ने कहा कि उत्तराखण्ड की गौरवशाली सैन्य परम्परा के प्रतीक पुरुष जनरल विपिन रावत का यूँ आकस्मिक चला जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। हम उनके देश और प्रदेश के लिए योगदान को नमन करते हैं।
धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि शहीदों की स्मृति में पौधा लगाने के साथ धाद अपने सार्वजनिक शिक्षा के कार्यक्रम कोना कक्षा का के अंतर्गत प्रदेश के सभी ज़िलों में आम समाज के सहयोग से किताबों के कोने स्थापित करेगी।
इस अवसर पर आकाशवाणी देहरादुन के कार्यक्रम अधीक्षक अनिल भारती ने कहा कि आज युद्ध सीधे जमीन के बजाय रणनीतिक रूप से लड़े जा रहे है और ऐसे में जनरल रावत उसका केंद्रीय स्तर पर नेतृत्व कर रहे थे। और पिछले तीन बरसो में कई महत्वपूर्ण अभियान चाहे वो नागालैंड का रहा हो य डोकलाम का उनकी नेतृत्व क्षमता के गवाह रहे है। कारगिल युद्ध के बाद जिस थिएटर कमांड की भारतीय सेना के लिए योजना बनी उसका पहला नेतृत्व जनरल रावत को दिया गयी यह उत्त्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है।
कौथिग फाउंडेशन के केशर सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड का एक बड़ा प्रवासी समाज है जो देश के अलग अलग कोने में रहता है। जो अपनी पहचान के संकट से जूझता है उसके लिए जनरल विपिन रावत एक पहचान का नाम थे।
टी एस असवाल ने धाद की पहल की सराहना की। कर्नल महाबीर रावत ने कहा कि एक समाज के रूप में गौरवान्वित महसूस करते है कि जनरल रावत इस धरती के सपूत थे।
कर्नल जितेंद नेगी ने कहा कि दुर्घटना में शहीद जनरल रावत की सेवाओ को इस स्तर तक पहुंचने में उनकी पत्नी मधुलिका रावत का एक बड़ा योगदान रहा है। स्मृतिवन की सचिव नीना रावत ने कहा कि स्मृतिवन का उद्देश्य समाज को उन सभी नायकों से जोड़ना है जो देश और दुनिया के लिए जिये।कवियत्री बीना कण्डारी ने शहीदों के लिए कविता पाठ किया। शोभा रतूडी ने कहा कि उनका बेटा भी सैनिक है और उन्हें देश की वीर सैन्य परम्परा पर गर्व है। आकाशवाणी उद्घोषिका शांति बिंजोला ने कहा कि उनकी स्मृति का यह पौधा उनके योगदान को हम सबको सदा स्मरण करवाएगा।
इस अवसर पर स्मृतिवन के संयोजक वीरेंद्र खण्डूरी स्वाति डोभाल दिनेश उनियाल बृज मोहन उनियाल शान्ती प्रकाश जिज्ञासु मौजूद थे
previous post