Breaking उत्तराखण्ड

तीन साल बाद लौट आया जिगर का टुकड़ा सूरज

द्वारीखाल- सोशल मीडिया के जरिये दूरियां-नजदीकियों में तब्दील हो गयी हैं। खास बात यह कि अपनों को अपनों में मिलाने में सोशल मीडिया किसी चमत्कार से भी कम नहीं है। जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक के बमोली गांव से जुड़ा एक ऐसा ही मामला है। यहां मां-बाप ने तीन साल पहले अपने जिगर के टुकड़े को खो दिया था। तीन साल तक खाक छानने के बाद उम्मीद समाप्त ही हो गयी थी। लेकिन सोशल मीडिया ने यहां कमाल कर दिया। तीन साल के बाद सोशल मीडिया ने लापता पुत्र को मां-बाप मिलाया। तो गम खुशी में बदल गया और खुशी के आंसू छलक उठे। तीन साल बाद सूरज के आने से बमोली गांव व आसपास के क्षेत्रों में खुशी का माहौल है।सोशल मीडिया के इस कमाल की कहानी इस प्रकार से है। पौडी गढ़वाल के द्वारीखाल ब्लॉक के गांव बमोली के धर्मपाल ने तीन साल पहले अपने जिगर के टुकड़े सूरज कुमार को खो दिया था।

 

21 साल के सूरज का मानसिक संतुलन ठीक नही था। इलाज के लिए पिता धर्मपाल व माँ शकु देवी देहरादून सिलाकुई ले गए। दुर्भाग्य से सूरज वापस आते समय उनसे बिछड़ गया। माता-पिता ने बहुत खोजा लेकिन सूरज नहीं मिला। बेटे के खोने का दर्द दिल मे समेटे माँ-बाप घर वापस आ गए। तीन साल तक जिगर के टुकड़े के खोने का दर्द दिल मंे समा कर आँसू बहाते रहे।एक दिन अचानक व्हाट्सएप पर एक वीडियो वायरल हुई, जिसमे सूरज कह रहा था कि उसका गांव बमोली है और गांव का प्रधान कोमल चन्द्रा है। यह वीडियो बमोली के मूल निवासी मधुसूधन जो वर्तमान में देहरादून में निवास कर रहे है, ने देखी उन्होंने इसे बमोली से जुड़े ग्रुप जन्मभूमि बमोली में शेयर किया। इसकी पहचान पंकज सिंह ने की। जो बमोली का निवासी है। इस तरह बात पिता धर्मपाल तक पहुँची। सूरज की सलामती की वीडियो देखकर परिवार खुशी से झूम उठा। सूरज उत्तर प्रदेश वृंदावन में अपना घर आश्रम में था। जहां उसका इलाज चल रहा था। धर्मपाल तुरन्त मुकेश सिंह टम्टा को साथ लेकर बेटे सूरज को लेने वृंदावन पहुंचे जहां बेटे को सही सलामत देखकर खुशी से उनकी आँखें छलकने लगी। अपना घर आश्रम के संचालकों से मिलकर उनका धन्यवाद किया। वहां जाकर पता चला कि तीन साल पहले खोये बेटे को आश्रम से जुड़े दिनेश शर्मा ने आश्रम तक पहुँचाया, उस समय मानसिक संतुलन ठीक न होने के कारण सूरज अपने बारे में कुछ नही बता पाया। वहां उसका कामयाब इलाज हुआ। तीन साल बाद वह अपने बारे में बता पाया। आज अपने घर अपने माता-पिता,भाई-बहिनो के बीच पहुँचकर खुश है।

Related posts

आबादी क्षेत्र से गुजरेगा बुआखाल-चोपड्यूं राष्ट्रीय राजमार्गः डॉ. धन सिंह रावत

Anup Dhoundiyal

दिल्ली से लौटी बुजुर्ग महिला की क्वांरटाइन सेंटर में हुई मौत

Anup Dhoundiyal

सरकारी अस्पतालों से हटाए गए आउटसोर्स कर्मियों का आंदोलन जारी

Anup Dhoundiyal

Leave a Comment