उत्तरकाशी। तिलाड़ी शहीद स्मारक स्थल के साथ बड़कोट, बनाल, ठकराल पट्टी के करीब 45 गांवों को जोड़ने वाली तीन किमी सड़क तीन दशक बीतने के बाद भी आवाजाही लायक नहीं बन पाई है। सड़क पर करोड़ों खर्च होने पर भी डामरीकरण न होने से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। वर्ष 1990 में नगर पालिका क्षेत्र के यमुनोत्री हाईवे पर स्थित तिलाड़ी शहीद स्थल तक करीब तीन किमी सड़क स्वीकृत हुई थी, जो कि बड़कोट तिलाड़ी शहीद स्थल मार्ग क्षेत्र के करीब 45 गांवों की लाइफ लाइन भी है। लेकिन तब से लेकर आज तक करोड़ों का बजट खर्च होने के बाद भी सड़क बदहाल है। सुरेंद्र रावत, प्रेम सिंह चौहान, किताब सिंह रावत, जयदेव सिंह आदि का कहना है कि तीन दशक बाद भी इस महत्वपूर्ण तीन किमी सड़क आवाजाही लायक नहीं बन पाई है। लोनिवि के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के साथ-साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है। मार्ग पर चौड़ीकरण के नाम पर सवा करोड़ खर्च हो चुके हैं, लेकिन घटिया किस्म के निर्माण के चलते कुछ ही महीनों में दीवार ढहने के साथ दरारें आ गई थी। मामला मीडिया में आने के बाद तत्कालीन ईई लोनिवि ने जांच व जिम्मेदार अभियंताओं का स्पष्टीकरण मांगा था। जिसकी रिपोर्ट का अभी तक कोई अतापता नहीं है।