देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में जिला गंगा सुरक्षा समिति कि बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने पूर्व बैठक में दिए गये निर्देशों के क्रम में कृत कार्यवाही की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने खदरी खड़क माफ सुरक्षा तटबंदीय कार्य की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि वर्षाकाल तक वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। ऋषिकेश में नालों के टैपिंग कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि टैपिंग कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने 72 सीढ़ी से अतिक्रमण हटाने के निर्देश नगर निगम ऋषिकेश को दिए। उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नदी एवं नदी तट तथा खुले में कूड़ा ना डाला जाए इसके लिए प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए तथा खुले में कूड़ा फेंकने वालो पर कार्यवाही करें। उन्होंने ग्रीन बैल्ट विकसित करने हेतु निर्देश दिये जिसके क्रम में अवगत कराया गया कि समृति वन को ग्रीन बैल्ट के अंतर्गत विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को कूडा उन्मूलन अभियान के साथ ही पॉलीथीन पर प्रभावी अभियान चलाने निर्देश दिये। बैठक में समिति के सदस्य द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत ऋषिकेश लक्कड़घाट स्थित 26 एमएलडी एसटीपी के निकट भूमि पर खाली पड़े तालाबों में जनहित योजनाओं यथा साहसिक पर्यटन नोकायान एवं तालाबों को मत्स्य पालन की संभावनाओं के दृष्टिगत मुआवना किया जा चुका है जिस पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने संजय झील के विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि टपकेश्वर के समीप सीवर लाईन कार्यों को नमामि गंगे में प्रस्तावित करें साथ ही जिला विकास अधिकारी, जल निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को मौका मुआवना करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर आयुक्त नगर निगम राहुल गोयल, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल,उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, पर्यावरणविद विनोद जुगलान, समिति के सदस्य सुदामा सिंघल, सहायक अभियन्ता सिंचाई, वन विभाग से स्पर्श काला, पेयजल निगम आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।