उत्तरकाशी: सीमांत उत्तरकाशी जिले के 15 से अधिक गांवों को रस्सी-ट्रॉलियों के झंझट से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। ट्रॉलियों में हादसे होते जा रहे हैं और तंत्र बेखबर बना हुआ। पिछले पांच सालों के दौरान उत्तरकाशी जनपद में ट्रॉली से गिरने वाले दर्जनों हादसे हो चुके हैं। इन ट्रॉलियों के स्थान पर स्थाई समाधान नहीं हुए। नतीजा, आज भी 15 से अधिक गांव के ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए स्वयं बनाई अस्थायी कच्ची पुलिया और रस्सी-ट्रॉलियों का सहारा लेना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी जिले की गंगा व यमुना घाटी में विकास के लिए लोग लंबे समय से तरस रहे हैं। कुछ सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही थी तो वह वर्ष 2012 व 2013 की आपदा ने छीनी। जनपद के छोटे-बड़े 16 से पुल बह गए थे। इनमें से संगमचट्टी में एक छोटा पैदल पुल, डिगिला में बेली ब्रिज, बनचौरा, बड़ेथी, अठाली, जोशियाड़ा व उत्तरो, डिडसारी में झूलापुल तो बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन शेष पुलों पर या तो आधा-अधूरा कार्य हुआ अथवा हुआ ही नहीं।
इसके चलते 15 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चामकोट, खरादी, नलूणा, ठकराल पट्टी के गौल, फूलधार, कुर्सिल, स्याबा, नगाणगांव, मशालगांव, सुंकण, थान आदि गांवों के लोग तो 2012 से रस्सी व ट्रॉलियों के सहारे ही नदियों को पार कर रहे हैं। गजोली-भंकोली, सटूड़ी, हलारा गाड़, खेड़ाघाटी व बाडिया में बने अस्थायी पुल भी हर बरसात में बह जाते हैं। सो, ग्रामीणों को फिर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ता है।
20 साल से चल रही ट्रॉली के सारे जिंजदगी
मोरी ब्लॉक के भखवाड़, सल्ला गांव को जोड़ने के लिए दो स्थानों पर करीब 20 वर्ष पहले ट्रॉली लगाई गई थी। 2013 की आपदा के दौरान इन ट्रॉलियों की मरम्मत तो हुई, लेकिन उसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया। भखवाड़ गांव की प्रधान अतरी देवी ने बताया कि सात साल पहले भखवाड़ की ट्रॉली से गिरकर सत्तारदीन व गणेश लाल की मौत हुई थी। जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। सल्ला गांव के प्रधान कमलेश ने बताया कि सल्ला गांव को लिए एक झूला पुल है, लेकिन झूला पुल से करीब तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इस लिए ग्रामीण ट्रॉली का सहारा लेने है। अभी तक इस ट्रॉली से कई ग्रामीण घायल हो चुके हैं। सल्ला गांव के लिए पांच साल पहले सड़क स्वीकृत हुई थी। वन अधिनियम के कारण स्वीकृति नहीं मिली। अब ठडियार-भखवाड़ से सल्ला गांव के लिए सड़क का प्रस्ताव बन रहा है।
स्कूल जाते समय गिर चुके हैं कई छात्र
अगस्त 2016 में असी गंगा नदी पर सेकू गांव को जोडऩे वाली ट्रॉली से दो स्कूल छात्र गिरे। दोनों छात्रों को गंभीर चोटें आई। साथ ही इस ट्रॉली से कई ग्रामीण भी घायल हुआ थे। पिछले साल अगस्त में बड़कोट तहसील के खरादी के पास एक छात्रा ट्रॉली से यमुना नदी थी। छात्रा को स्थानीय लोगों ने बहने से बचा दिया था।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि नलूणा और खरादी में पुल का निर्माण तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां तक ट्रॉली को खींचने की व्यवस्था है वह की जा रही है। जिससे छात्रों और ग्रामीणों परेशानी न हो। मोरी के सल्ला में हुई बच्ची के ट्रॉली से गिरने की घटना की भी जांच की जा रही है।