देहरादून। भैरव सेना कार्यकर्ताओं ने चीन के हमले के विरोध में मियांवाला में प्रदर्शन किया और चीनी राष्ट्रपति का पुतला फूंका। आक्रोशित कार्यकर्ता चीन को उचित भाषा में जवाब देने की मांग कर रहे थे।प्रदेश मीडिया प्रभारी रष्टी सिंह के नेतृत्व में मियां वाला चौक पर एकत्र हुए भैरव सेना के कार्यकर्ता लगातार चीन विरोधी नारे लगा रहे थे।चीन द्वारा धोखे से किए गए हमले में मारे गए जवानों के प्रतिशोध में चीन के राष्ट्रपति व चीनी ध्वज को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।भैरव प्रदेश मीडिया प्रभारी रष्टी सिंह ने कहा कि चीन ने भारत को 45 साल बाद फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख में बातचीत से मसले का हल निकालने गई भारत की सेना पर चीन की सेना ने अचानक हमला कर दिया।यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इसमें भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। तीन घंटे चली यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई।उसी गलवान वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। चीन हर बार कूटनीतिक चाल चलता है। लिहाजा उसे सख्ती से जवाब दिया जाना चाहिए।इसके लिए एकजुट होकर चीन सामान का बहिष्कार करना होगा। सभी राष्ट्रवादी ताकतों को एकजुट होकर चीन में बने एप और सामानों का बहिष्कार करना होगा। संजीव कुकरेजा, हिमांशु, शिवम बहुगुणा, आशीष, सुमित, कार्तिक, जितेंद्र बिष्ट, प्रदीप नैनवाल, ईशान, अक्षित बडोनी, प्रियांश राजपूत, निखिल, रंजीत कुमार इत्यादि रहे।मौजूद थे।
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